यह प्रेस सेंसरशिप के समान है, नए आईटी रूल्स वापस ले सरकार: एडिटर्स गिल्ड

नए रूल्स के मुताबिक IT मंत्रालय की फैक्ट चेक यूनिट यदि केंद्र सरकार से संबंधित किसी ख़बर को ग़लत या भ्रामक बताती है तो मीडिया संस्थाओं को उसे हटाना पड़ेगा।

Updated: Apr 07, 2023, 07:25 PM IST

नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फैक्ट चेक यूनिट बनाए जाने को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।  एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सूचना प्रसारण (आईटी) मंत्रालय के इस फैसले पर चिंता जाहिर की है और कहा है कि इससे मीडिया पर सेंसरशिप को बढ़ावा मिलेगा। एडिटर्स गिल्ड ने केंद्र से कहा है कि सरकार नए आईटी रूल्स को वापस ले।

दरअसल, नए रूल्स के मुताबिक IT मंत्रालय एक फैक्ट चेक यूनिट बनाएगी। यह यूनिट तय करेगी कि कौन सी खबर फर्जी, झूठी या भ्रामक है। यदि केंद्र सरकार से संबंधित किसी ख़बर को यह यूनिट ग़लत या भ्रामक बताती है तो मीडिया संस्थाओं को उसे हटाना पड़ेगा।

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आईटी नियमों में हालिया संशोधन से मीडिया प्लेटफॉर्मों पर काफी बंदिशें लगाई गई हैं। नियमों के तहत यह जरूरी है कि वे सरकार के बारे में नकली, झूठी या भ्रामक जानकारी को न तो प्रकाशित या साझा करें, न ही होस्ट करें। हैरानी की बात ये है कि कौन सी सूचना भ्रामक है और कौन नहीं यह भी सरकार ही तय करेगी।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि, 'वह एक सेल्फ-अपाइंटेड फैक्ट-चेकिंग यूनिट के जरिए सोशल मीडिया पर कानून लादने के लिए सरकार के कदमों से बहुत परेशान है। यह सब प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है और सेंसरशिप के समान है। मंत्रालय की इस तरह के कठोर नियमों वाली अधिसूचना खेदजनक है। गिल्ड फिर से मंत्रालय से इस अधिसूचना को वापस लेने और मीडिया संगठनों और प्रेस निकायों के साथ परामर्श करने का आग्रह करता है।'

वहीं, आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन चिंताओं को खारिज कर दिया कि संशोधन से सेंसरशिप को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि तथ्यों की जांच विश्वसनीय तरीके से की जाएगी।