गुलशन कुमार हत्याकांड: दाऊद के साथी रऊफ की सजा बरकरार, बरी हुए भाई को भी उम्रकैद
टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार को अबु सलेम के दो शार्प शूटरों ने मंदिर के बाहर 16 गोलियों से छलनी कर दिया था, प्लान की जानकारी होने के बावजूद नहीं बचा पाई थी पुलिस

मुंबई। टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार हत्याकांड मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के साथी रऊफ मर्चेंट की सजा को बरकरार रखा है। रऊफ को सेशन कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा रऊफ के भाई अब्दुल राशिद को भी दोषी ठहराते हुए, उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब्दुल को सेशन कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया था।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट कहा है कि अब्दुल राशिद किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है। क्योंकि इसके पहले पैरोल के बहाने वह बांग्लादेश भाग चुका है। महाराष्ट्र सरकार ने अब्दुल राशिद को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं दोनों आरोपियों को बरी करने के लिए भी याचिकाएं दायर की गई थी, जिनपर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने आज यह फैसला लिया है।
10 करोड़ फिरौती के लिए 16 गोलियों से किया छलनी
म्यूजिक इंडस्ट्री की जानी मानी हस्ती गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 में मुंबई के अंधेरी इलाके में सिथत एक मंदिर के बाहर ताबड़तोड़ 16 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। गुलशन कुमार रोज की तरह मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां दागकर उन्हें छलनी कर दिया था। जांच में यह बात सामने आई थी कि अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के इशारे पर उसके गुर्गों ने इस हत्या को अंजाम दिया था।
पुलिस को थी प्लान की जानकारी
बताया जाता है कि अबु सलेम में गुलशन कुमार से 10 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। गुलशन कुमार ने इसके जवाब में कहा था कि तुम्हें देने के बजाए उस पैसे से मैं वैष्णो देवी मंदिर में भंडारा करा दूंगा। इसी बात पर भड़क कर अबु सलेम ने दो शार्प शूटरों को उनकी सुपारी दे दी। इतना ही नहीं, इस प्लान की जानकारी मुंबई पुलिस को भी थी, बावजूद गुलशन कुमार को नहीं बचाया जा सका।
महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी राकेश मारिया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि घटना के ठीक 4 महीने पहले उन्हें इस बात की खुफिया जानकारी मिली थी। न्यूज़ एजेंसी IANS को दिए इंटरव्यू में मारिया ने कहा था कि, 'मुझे 12 अप्रैल 1997 को एक मुखबिर का फोन आया। उसने बोला- सर, गुलशन कुमार का विकेट गिरने वाला है। मैंने पूछा कि कौन विकेट लेने वाला है? उसका जवाब था- अबू सलेम, सर उसने अपने शूटर के साथ प्लान किया है। गुलशन कुमार प्रतिदिन सुबह घर से निकलने से पहले शिव मंदिर जाते हैं वहीं पर उनका काम तमाम करने वाले हैं।'