हाथरस: सत्संग में भगदड़ के बाद भोले बाबा फरार, प्रशासन ने कि 121 मौतों की पुष्टि
हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे थे। हालांकि, यूपी पुलिस ने आश्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन भोले बाबा आश्रम में नहीं मिले।

हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है। प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है। मंगलवार देर रात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने में FIR दर्ज की गई। इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है। हैरानी की बात ये है कि FIR में भोले बाबा उर्फ हरि नारायण का नाम ही नहीं है।
दरअसल, हादसे के बाद से भोले बाबा अंडरग्राउंड हो गया। पुलिस रातभर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही। पुलिस मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंची, लेकिन वहां भी बाबा नहीं मिला। मैनपुरी में आश्रम के बाहर अब भी पुलिस तैनात है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद भोले बाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे थे।
मंगलवार शाम तक यूपी पुलिस भोले बाबा की तलाश में उनके मैनपुरी आश्रम पहुंची। आश्रम में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन भी चलाया, लेकिन भोले बाबा आश्रम में नहीं मिले। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने मीडिया से कहा कि परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले। वह वहां नहीं हैं। अब सवाल ये है कि आखिर वो गया कहां?
भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह कासगंज जिले के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। सुरजपाल ने वर्ष 1990 के दशक के आखिर में एक पुलिसकर्मी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ अध्यात्म की ओर रुख किया। इसके बाद उन्होंने सत्संग करना शुरू किया। सुरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान भी नहीं है। अपनी पत्नी को भी अपने साथ सत्संग में ले जाते हैं।
हाथरस में कल भगदड़ तब मची जब श्रद्धालु भोले बाबा की चरण रज लेने के लिए उनके काफिले के पीछे दौड़ पड़े। सेवादारों ने लोगों को रोकने की कोशिश, इसी दौरान भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते-पड़ते भीड़ से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एडीजी और कमिश्नर से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। हादसे में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है उन्हें सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये, जबकि जो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं उन्हें 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इतनी ही राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी।