उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में भारी बारिश, 4 दिन में 100 मौतें, फिर रोकी गई केदारनाथ यात्रा

खराब मौसम का असर केदारनाथ यात्रा पर भी पड़ रहा है। जिसकी वजह से यात्रा प्रभावित हुई है। बारिश की वजह से चार राज्य मार्ग और 10 संपर्क मार्गों पर मलबा आ गया है।

Updated: Jul 12, 2023, 11:34 AM IST

नई दिल्ली। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश की वजह से एक बार फिर केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में ही रोक दिया है। बारिश की वजह से चार राज्य मार्ग और 10 संपर्क मार्गों पर मलबा आ गया है और रास्ते बंद हो गए हैं। मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां उफान पर हैं।

उत्तराखंड, दिल्ली, UP, पंजाब और हरियाणा में लगातार बारिश हो रही। खराब मौसम के चलते बीते 4 दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में 100 से ज्यादा लोग की जान चली गई। आठ जुलाई से अब तक हिमाचल प्रदेश में 36, UP में 34, जम्मू-कश्मीर में 15, उत्तराखंड में 9, दिल्ली में 5 और राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में एक-एक की मौत हुई है।

हिमाचल में 10 हजार टूरिस्ट जगह-जगह फंसे हैं। चंद्रताल में 3 फीट बर्फ जम गई है। 6 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू में लगाए गए हैं। कुल्लू में ब्यास नदी के बहाव में आधा सैंज बाजार ही बह गया। उत्तराखंड में आज बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। लैंडस्लाइड की वजह से गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाईवे कई जगहों पर बंद हैं। यहां 3 से 5 हजार लोग फंसे हुए हैं।

उत्तराखंड की बात करें तो अगले 5 दिनों तक बारिश से राहत नहीं मिलने वाली। भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। डीजीपी ने कहा है कि 13 जुलाई तक पर्यटक उत्तराखंड ना आएं। भारी बारिश के कारण गंगा सहित सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों को बेवजह घर से न निकलने और तीर्थयात्रियों को मौसम की जानकारी लेकर आने की अपील की है।

उधर, दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। आज सुबह यमुना का जलस्तर 207.14 मीटर रिकॉर्ड हुआ है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से दिल्ली में ये हालात बन रहे हैं। यमुना नदी से सटे इलाकों में पानी बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण लोग खासा परेशान हैं। यमुना का पानी का अब मजनूं का टीला के पास बनी मोनेस्ट्री मार्केट में घुसने का खतरा पैदा हो गया है।