मणिपुर हिंसा को लेकर गृहमंत्री शाह ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, PM की अनुपस्थिति को लेकर उठ रहे गंभीर सवाल

मणिपुर में करीब डेढ़ महीने से हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं। राज्य के हालात पर विचार-विमर्श करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

Updated: Jun 22, 2023, 11:10 AM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। यह बैठक दिल्ली में शनिवार को दोपहर बाद तीन बजे होगी। हालांकि, इस बैठक में पीएम मोदी उपस्थित नहीं रहेंगे। इसे लेकर विपक्ष हमलावर है।

गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ''केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 24 जून को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है।'' बता दें कि मणिपुर में लगभग 50 दिनों से शांति बहाली के प्रयास किए जा रहे हैं। बावजूद हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं। विपक्षी दल पिछले कई दिनों से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे।

हालांकि, केंद्र सरकार ने इसमें काफी देर कर दी। 
वहीं, बैठक में पीएम मोदी अनुपस्थित रहेंगे। इसे लेकर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, 'इतनी गंभीर बैठक से प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति उनकी कायरता और अपनी विफलताओं का सामना करने की अनिच्छा को दर्शाती है। यहां तक कि जब कई प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मुलाकात की मांग की, तब भी उनके पास उनके लिए समय नहीं था।'

बता दें कि बीते 16 जून को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए क्योंकि देश जवाब मांग रहा है। हालांकि, तब केंद्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। मामला बढ़ने के बाद अब सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, वह भी दिल्ली में। जबकि कांग्रेस का मानना है कि बैठक मणिपुर में हो।

केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय भी तब लिया जब बुधवार को यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने वीडियो संदेश जारी कर शांति कायम करने की अपील की थी। सोनिया गांधी ने कहा था कि, 'मणिपुर हिंसा ने हमारे देश की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ा है। मुझे यह देखकर गहरा दुख है कि लोगों को उस एकमात्र स्थान से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा जिसे वे अपना घर कहते हैं।'