भारत में कोरोना से हुई 49 लाख मौतें, पीएम मोदी के सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम की स्टडी का दावा

आजाद भारत की सबसे जानलेवा त्रासदी साबित हुआ कोरोना, सरकारी आंकड़ों से दस गुना ज्यादा मौतें होने की संभावना, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने डेटा रिलीज करने की मांग की

Updated: Jul 22, 2021, 08:03 AM IST

Photo Courtesy: Al-Jazeera
Photo Courtesy: Al-Jazeera

नई दिल्ली। एक नई स्टडी में ये दावा किया गया है कि भारत सरकार द्वारा जारी मौत के आंकड़ों से देश में 10 गुना अधिक मौतें हुई हैं। इस अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों की वास्तविक संख्या 34 से 49 लाख के करीब है। इसमें यह भी कहा गया है कि कोरोना वायरस आजाद भारत की सबसे जानलेवा त्रासदी साबित हुआ है। खास बात ये है कि इस रिपोर्ट को बनाने में केंद्र की मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम भी शामिल हैं।

मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'सभी अनुमान बताते हैं कि भारत में वास्तविक मौतों की संख्या 4 लाख की सरकारी आंकड़े से कई गुना अधिक है। जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 के बीच करीब 34 से 49 लाख लोगों की मौत हुई है। शोधकर्ताओं ने इसे विभाजन के बाद भारत की सबसे जानलेवा त्रासदी करार दिया है।

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश को हर महीने वैक्सीन की डेढ़ करोड़ डोज़ मुहैया कराए केंद्र, MP हाई कोर्ट ने सुनाया फरमान

रिसर्च में बताया गया है कि सन 1947 में जब देश का दो हिस्सों में बंटवारा हुआ और कई इलाकों में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए, तब करीब 10 लाख लोगों की मौत हुई थी। लेकिन कोरोना आजाद भारत की सबसे जानलेवा त्रासदी साबित हुआ है। शोधकर्ताओं में अरविंद सुब्रमण्यम के अलावा अमेरिकी थिंक-टैंक सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के जस्टिन सैंडफूर और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अभिषेक आनंद भी शामिल हैं।

रिपोर्ट तैयार करने वाले शोषकर्ताओं ने इसके लिए महामारी के शुरुआत से लेकर जून 2022 को लेकर 3 अलग-अलग स्रोतों से डेथ रेट का अनुमान लगाया। इनमें जन्म-मृत्यु का रिकॉर्ड रखने वाले सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम का डेटा, वायरस के प्रसार को जानने के लिए हुए ब्लड टेस्ट का डेटा और कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे का डेटा शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: बीजेपी शासन के समय छत्तीसगढ़ में आए थे इजराइली कंपनी NSO के अधिकारी, भूपेश बघेल ने किया बड़ा खुलासा

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने इस स्टडी को लेकर कहा की हमारा हेल्थकेयर सिस्टम इतना कमजोर है कि मौत के सही आंकड़ों की सही गिनती ही नहीं हो पाई। इसलिए हमने तीन अलग-अलग सोर्स से पता लगाया है। अब सरकार को यह चाहिए की उसके पास जो भी जानकारी है उसे रिलीज करे। क्योंकि इससे हमें ये पता चल सकेगा कि महामारी से कैसे निपटना है।'