इंदिरा गांधी जयंती: सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे शक्ति स्थल, पुष्पांजलि अर्पित की

इंदिरा गांधी की आज 105वीं जयंती है। इस मौके पर राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

Updated: Nov 19, 2022, 05:48 AM IST

नई दिल्ली। देश की पहली महिला प्रधनमंत्री इंदिरा गांधी की आज 105वीं जयंती है। इस मौके पर उन्हें पूरा देश याद कर रहा है। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शक्ति स्थल पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इन दोनों नेताओं के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई पार्टी नेता शक्ति स्थल पहुंचकर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।

उधर राहुल गांधी ने भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कैंप साइट पर सुबह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल ने एक ट्वीट में लिखा कि, 'आज़ादी के संग्राम में पली, भारत के महान नेताओं से सीखी पढ़ी, पिता की लाडली थी वो। देश के लिए दुर्गा, दुश्मनों के लिए काली थी - निडर, तेजस्विनी, प्रियदर्शिनी।'

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, 'श्रीमती इंदिरा गांधी को उनके 105वें जन्मदिन के अवसर पर हम याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, इंदिरा गांधी साहस की पर्याय थीं - उन्होंने अमीरों के एकाधिकार को तोड़ दिया, गरीबों की देखभाल की और भारत के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए शक्तिशाली राष्ट्रों को ललकारा।'

बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। 1966 से 1977 और फिर 1980 से 1984 में अपने निधन तक वह प्रधानमंत्री रहीं। वह अपने पिता जवाहर लाल नेहरू के बाद सबसे ज्यादा वक्त तक प्रधानमंत्री रहने के मामले में दूसरे पायदान पर रहीं।

इंदिरा गांधी ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर अपनी अमिट छाप छोड़ी और उनके व्यक्तित्व की मिसालें दी जाती हैं। इंदिरा गांधी वह हैं, जिन्हें उनके निर्भीक फैसलों और दृढ़निश्चय के चलते लौह महिला कहा जाता है। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1971 की जंग में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया था। पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान के दमन और अत्याचार से मुक्त कराने का श्रेय इंदिरा को ही जाता है। 1971 की जंग में पाकिस्तान के करीब एक लाख सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। उसी युद्ध के बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ।