राघौगढ़ में टांट्या भील की प्रतिमा अनावरण पर रोक, दिग्विजय सिंह बोले- स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति लगाना अपराध नहीं
राघौगढ़ के पीपलखेड़ी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी टांट्या भील की प्रतिमा लगाने को लेकर विवाद को स्थिति बन गई है। इस मूर्ति का अनावरण पूर्व CM दिग्विजय सिंह को करना था। लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है।

गुना। मध्य प्रदेश के गुना जिले के राघौगढ़ में महान स्वतंत्रता सेनानी टांट्या भील की प्रतिमा को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिला प्रशासन द्वारा प्रतिमा अनावरण की अनुमति नहीं दी गई है। इसे लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले पर प्रशासन को घेरा है और पूछा है कि क्या स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति लगाना अपराध है।
दरअसल, राघौगढ़ इलाके के पीपल खेड़ी गांव में बरसत तिराहे पर ग्रामीणों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी टांट्या भील की प्रतिमा स्थापित की गई है।इसका अनावरण सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह करने वाले थे। हालांकि, जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। शनिवार को प्रशासन की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों से कहा कि प्रतिमा का अनावरण नहीं किया जा सकता। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी मामले पर प्रतिक्रिया आई है। सिंह ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'क्या टंट्या मामा हमारे प्रदेश के अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ने वाले स्वतंत्र संग्राम सेनानी की मूर्ति लगाना अपराध है? क्या भाजपा के नेताओं के लिए और कांग्रेस के लिए अलग नियम है क़ानून है? मैं कल मूर्ति का अनावरण करने वाला था। आज पूरा जिला प्रशासन ने राघौगढ़ में पीपलखेड़ी ग्राम चौराहे पर पहुंच कर इसे गौर कानूनी घोषित कर दिया। मैंने जिला कलेक्टर व एसडीएम राघोगढ़ से पूछा तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया।
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दिग्विजय सिंह ने पूछा कि क्या प्रदेश शासन की स्वीकृति लेने की कोई प्रक्रिया है? यदि है तो मुझे भेजें। वह मुझे नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट का कोई आदेश है तो मुझे बतायें। सिंह ने बताया कि कल रात को उन्होंनें मुझे कोर्ट के दोनों आदेश की प्रति भेजी। मैंने दोनों आदेशों का अध्ययन किया। दोनों अदालत के आदेश शहरों में सड़क व चौराहों पर ट्रैफिक अवरुद्ध ना हो उसको ले कर आदेश दिए हैं।
पीपलखेड़ी ग्राम पंचायत है। उसने मूर्ति लगाने की इजाज़त दी है। प्रशासन से पूछा किसने ट्रैफिक अवरुद्ध होने की शिकायत की है। इस पर उनका कोई जवाब नही था। लेकिन हमारे आदिवासी समाज आयोजकों को प्रशासन ने “ऊपर” से आदेश होने के संकेत दिए।
सिंह ने आगे लिखा, 'आजकल प्रशासन को कोई निर्णय अवैधानिक रूप से लेना पड़ता है उसे वे “ऊपर” के आदेश होने का बता देते हैं। भारत हमारे भारतीय संविधान द्वारा बनाये गए नियम व क़ानून से चलेगा या भाजपा नेताओं के “ऊपर” से दिए गए अवैधानिक आदेशों पर चलेगा? मैंने आयोजकों से अनुरोध किया है हम चाहेंगे की वे एक सप्ताह रुक जाएँ। हम टंटिया मामा की मूर्ति जिसे हमारे राघौगढ़- चॉंचौड़ा व गुना राजगढ़ के आदीवासी भाइयों बहनों ने चंदा कर निर्माण करवाया है उसे हम किसी ग़ैर क़ानूनी विवाद में नहीं डालेंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ हम टंटिया मामा की मूर्ति का अनावरण और अधिक धूम धाम से करेंगे। कल प्रशासन द्वारा बताए गए निर्धारित स्थान पर आपको सभा कर आदिवासी एकता का परिचय देना चाहिए। हम आपके साथ हैं। मैं आप से फ़ोन पर संपर्क पर रहूँगा। जय सेवा जय जुहार।'