आज हड़ताल पर हैं देश भर के ज्वैलर्स, अनिवार्य हॉलमार्किंग का कर रहे हैं विरोध

केंद्र सरकार ने 16 जून से सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है, जिसका देश भर के ज्वैलर्स विरोध कर रहे हैं, ज्वैलर्स का कहना है कि हॉलमार्किंग में होने वाली देरी का असर उनके कारोबार पर पड़ेगा

Publish: Aug 23, 2021, 04:37 AM IST

Photo Courtesy: News Nation
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नई दिल्ली। सोने की ज्वैलरी की अनिवार्य हॉलमार्किंग करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ देश भर के ज्वेलर्स उतर आए हैं। आज देश भर के ज्वैलर्स हड़ताल पर हैं। वे सभी सोने की ज्वेलरी की अनिवार्य हॉलमार्किंग का विरोध कर रहे हैं। सोने की ज्वेलरी की अनिवार्य तौर पर हॉलमार्किंग का फैसला 15 जून से लागू किया गया है। 

ज्वैलर्स की इस हड़ताल को व्यापक समर्थन मिलने के आसार हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्वैलर्स की इस हड़ताल का करीब 350 संघों और मसंघों द्वारा समर्थन किया जा रहा है। ज्वैलर्स का कहना है कि हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 

दरअसल भारतीय मानक ब्यूरो ने हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या की प्रणाली को 16 जून से लागू किया है। यह व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की गई है। जिसमें केंद्र सरकार ने सबसे पहले सभी राज्यों से 256 जिलों की पहचान की है। 

हॉलमार्क विशिष्ट पहचान एक तरह का कोड होता है, जिसे ज्वैलरी पीस पर लगाया जाता ताकि उसकी एक अलग पहचान स्थापित की जा सके। यह ठीक आधार कार्ड की तर्ज पर ही ज्वैलरी की एक विशिष्ट पहचान होती है। 16 जून से पहले यह व्यवस्था अनिवार्य नहीं थी। ज्वैलर्स के विरोध का कारण यह है कि उनका कहना है कि हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (HUID) ज्वैलरी की शुद्धता का पैमाना नहीं है। यह सिर्फ एक ट्रैकिंग सिस्टम है। ज्वैलर्स कह रहे हैं कि हॉलमार्क करने में देरी होने के कारण उनके कारोबार पर भी बुरा असर पड़ रहा है।