Kanpur Encounter: पूर्व थानाध्यक्ष और बीट प्रभारी गिरफ्तार

दोनों पुलिसकर्मियों के ऊपर मुठभेड़ से पहले दुबे को जानकारी लीक करने का आरोप

Publish: Jul 09, 2020, 06:38 AM IST

कानपुर। कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ मामले में पुलिस ने चौबेपुर के पूर्व थानाध्यक्ष विनय तिवारी और बिकरू इलाके के पूर्व बीट प्रभारी के.के शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। तिवारी और शर्मा पर मुठभेड़ से पहले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को जानकारियां लीक करने का आरोप है। यह जानकारी कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने दी है।

अब तक इस मामले में दो पुलिसवालों सहित दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से आठ विकास दुबे के इनामी गुर्गे हैं। वहीं पुलिस ने सुबह हमीरपुर में विकास दुबे का दायां हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को भी मार गिराया। हालांकि, दुबे अभी भी पुलिस के शिकंजे से दूर है।

पिछली पांच जुलाई को पुलिस ने मुठभेड़ में विकास दुबे के एक गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री को कल्याणपुर से गिरफ्तार किया था। उसने बताया था कि मुठभेड़ से पहले चौबेपुर थाने से विकास दुबे के पास फोन आया था, जिसके बाद दुबे ने साथियों को अपने घर बुलाया और पुलिस पर हमले की योजना बनाई। हालांकि, उसके बयान से पहले ही विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया था। अग्निहोत्री के बयान के बाद तीन और पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। फिलहाल चौबेपुर थाने के 68 पुलिकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है और कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव का ट्रांसफर कर दिया गया है।

कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक (सिविल डिफेंस) अमिताभ ठाकुर ने अनंत देव और विकास दुबे के करीबी रिश्तों पर सवाल उठाए और इस मामले में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से जांच करने की मांग की है। दरअसल, पुलिस ने विकास दुबे के खास माने जाने वाले जय बाजपेयी को गिरफ्तार किया था। जय बाजपेयी और अनंत दुबे की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं। वहीं मुठभेड़ में शहीद हुए बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी दयाशंकर मिश्रा का भी एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने अनंत देव को लिखा था कि विनय तिवारी, विकास दुबे पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करते हैं और इस वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मार्च में लिखे गए इस कथित पत्र पर अनंत देव ने कोई कार्यवाही नहीं की। हालांकि, अनंत देव का कहना है कि उस पत्र पर दयाशंकर मिश्रा के फर्जी हस्ताक्षर हैं।

इस पूरे मामले में क्षेत्र के दो भाजपा विधायकों भगवती सागर और अभिजीत सिंह सांगा का नाम भी सामने आया है। 2017 के पुराने वीडियो में विकास दुबे इन दोनों विधायकों का नाम ले रहा है कि कैसे उसके खिलाफ मामलों में ये विधायक कार्रवाई रोकने के लिए शपथ पत्र देते थे। हालांकि, दोनों विधायकों ने विकास दुबे से किसी भी प्रकार का रिश्ता होने की बात नकार दी है और इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। भगवती सागर बिल्हौर के और अभिजीत सिंह सांगा बिठूर के विधायक हैं। 

इस बीच गैंगस्टर विकास दुबे पर इनाम की रकम को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। विकास दुबे की आखिरी लोकेशन फरीदाबाद में मिली है, जहां वह अपने साथियों के साथ एक होटल में रुका हुआ था। जानकारी मिलने पर जब पुलिस उसे पकड़ने गई तो वहां हुई मुठभेड़ में वह पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब रहा। हालांकि, पुलिस ने उसके तीन अन्य साथियों कार्तिकेय उर्फ प्रभात, अंकुर और उसके पिता श्रवण को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से पुलिस को कई हथियार भी मिले। इन हथियारों मुठभेड़ की रात पुलिस से लूटी गई बंदूकें भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि दो जुलाई की देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उसके गांव में पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था, जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए। मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक अन्य व्यक्ति घायल भी हुआ है।