आशीष मिश्रा की जमानत रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने का दिया आदेश, लखीमपुर केस में बड़ा फैसला

लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल सुप्रीम कोर्ट ने कैंसिल कर दी है, इसके साथ ही आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है

Updated: Apr 18, 2022, 05:46 AM IST

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी कांड में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की बेल कैंसिल कर दी है। इसके साथ ही अदालत ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं, जिन पर कार से लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने का आरोप है।

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी और वह 18 फरवरी को जेल से बाहर आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेज दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखा है, जैसे बेल देने की जल्दी हो। हाईकोर्ट जमानत याचिका पर नए सिरे से विचार करे।

सुप्रीम कोर्ट ने माना की आशीष मिश्रा को जमानत देते वक्त इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की बात ठीक से नहीं सुनी और उनकी दलीलों को नजरंदाज किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिर्फ एक FIR के आधार पर आशीष मिश्रा को जमानत दे दी, जो गलत है, इसलिए मिश्रा की जमानत याचिका पर फिर से विस्तार से सुनवाई करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की कि पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट जिस जज ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी, इस मामले में वह दोबारा सुनवाई नहीं करेंगे।

इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द क्यों न की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने गवाह पर हमले के मुद्दे पर भी चिंता जताई थी साथ ही योगी सरकार को नोटिस जारी कर गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद एक प्रमुख संरक्षित गवाह पर बेरहमी से हमला किया गया था और हमलावरों ने धमकी दी थी कि अब जब बीजेपी यूपी चुनाव जीत गई है तो वे उसका ध्यान रखेंगे।