दिल्ली में अब 10 मई तक लॉकडाउन, पाबंदियां रहेंगी जारी, नहीं मिलेगी कोई नई छूट

सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक सप्ताह और लॉकडाउन बढ़ाने का किया ऐलान, बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लिया फैसला, बीते 24 घंटे में मिले हैं 27,047 नए मरीज

Updated: May 01, 2021, 05:25 PM IST

Photo courtesy: India TV
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दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली कोरोना के बढ़ते प्रकोप से त्राहिमाम कर रही है। 1 मई को कोविड से मरनेवालों की तादाद 400 तक पहुंच गई है। मरीज़ों की संख्या में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने बीते दो हफ्ते से जारी लॉकडाउन को एक और हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट पर लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है।

पूर्व घोषणा के मुताबिक दिल्ली में सोमवार 3 मई सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन लगाया गया था, जिसे बढ़ाकर अब 10 मई सुबह 5 बजे तक कर दिया गया है। लॉकडाउन में दिल्ली में पहले जैसी सख्ती लागू रहेगी। इससे पहले 19 अप्रैल से 6 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था। जिसे बढ़ाकर 3 मई किया गया फिर अब 10 मई तक बढ़ा दिया गया है।

 

हाल ही में कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की एक बैठक में दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन की बात कही थी। व्यापारी 3 मई से दुकानें खोलने के पक्ष में नहीं थे। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स की ऑनलाइन बैठक में 150 से अधिक प्रमुख व्यापारी संगठनों ने इस आशय से केजरीवाल को सलाह भी दी थी। 

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दिल्ली में इस समय कोरोना एक्टिव मरीज़ों की संख्या एक लाख के करीब पहुंच गई है। और अब तक कोरोना के साढ़े ग्यारह लाख मामले अकेले दिल्ली में देखने को मिले हैं। डेथ रेट भी डेढ़ फीसदी को छूने जा रही है। दिल्ली में देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने तो कहा है कि सरकार को और ज्यादा एग्रेसिव लॉकडाउन की जरूरत है।

दरअसल पिछले दो सप्ताह से दिल्ली में रोजाना 20 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली में 27,047 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 375 मरीजों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। अस्पतालों में आक्सीजन की भारी कमी है, दिल्ली के बत्रा अस्पताल में आक्सीजन की कमी से एक डाक्टर समेत बारह लोगों की मौत हो गई। कई अन्य अस्पतालों ने भी ऑक्सीजन और बेड की कमी का बोर्ड टांगकर मरीज़ों का दाखिला बंद कर दिया है। ऐसे हालात में लॉकडाउन कर संक्रमण की चेन रोकने के अलावा सरकार को कोई विकल्प नहीं दिख रहा है।