महाराष्ट्र में खत्म हुआ वैक्सीन स्टॉक, पनवेल, सतारा, मुंबई में रुका वैक्सीनेशन, पुणे के 109 और मुंबई के 26 सेंटर बंद

महाराष्ट्र में वैक्सीन स्टॉक खत्म होने के कारण हजारों लोगों को बिना वैक्सीन लिए केंद्रों से वापस लौटना पड़ रहा है, केंद्र सरकार ने वैक्सीन भेजने की बजाए इसे बकवास करार दिया

Updated: Apr 08, 2021, 09:44 AM IST

Photo Courtesy: HT
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मुंबई। कोरोना वायरस के खतरनाक रूप से जूझ रहे महाराष्ट्र में वैक्सीन की स्टॉक खत्म होने की खबर है। वैक्सीन की किल्लत के वजह से महाराष्ट्र के पनवेल और सतारा में वैक्सीनेशन को रोकना पड़ा है। इतना ही नहीं कोरोना से बुरी तरह प्रभावित पुणे के भी 109 सेंटर बंद कर दिए गए हैं। उधर, राज्य सरकार ने केंद्र से जब वैक्सीन की मांग की तो इसे लेकर घमासान मच गया। केंद्र ने राज्य को वैक्सीन मुहैया कराने के बजाय कहा है कि अपनी विफलताओं को छिपाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राज्य सरकार ऐसी बातें कर रही है।

महाराष्ट्र के पनवेल में नगर निगम की ओर से आधिकारिक नोटिस जारी कर बताया गया है कि वैक्सीन का खुराक खत्म होने की वजह से टीकाकरण अभियान को अस्थाई रूप से रोका जा रहा है। इसी तरह सतारा में भी टीकाकरण रोक दिया गया है। उधर पुणे में टीके की किल्लत की वजह से 109 केंद्रों को बंद कर दिया गया है। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने बताया है कि बुधवार को पुणे के 391 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया। इस दौरान महज 55 हजार 539 लोगों को ही टीका लग पाया जबकि हजारों लोगों को बिना टीका लिए वापस लौटना पड़ा क्योंकि स्टॉक खत्म हो गया था।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को ही बताया था कि राज्य में कोविड-19 के महज 14 लाख टीके ही बचे हुए हैं। उन्होंने कहा था कि यह तीन दिन में ही खत्म हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया था कि राज्य के कई टीकाकरण केंद्रों से लोगों को वापस भेजना पड़ रहा है क्योंकि खुराकों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। टोपे ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि टीके की आपूर्ति में महाराष्ट्र को प्राथमिकता दी जाए क्योंकि यहां 50 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है और देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही आ रहे हैं। उन्होंने बताया था कि राज्यभर में यदि प्रतिदिन पांच लाख लोगों को भी वैक्सीन लगाई जाती है तो हफ्ते में 40 लाख खुराक चाहिए होंगे।

महाराष्ट्र में वैक्सीन की किल्लत और बेतहाशा बढ़ते संक्रमण के बावजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दावा किया कि कोरोना वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने महाराष्ट्र की मांग को गैर जिम्मेदाराना, बकवास और बेबुनियाद करार दिया है। उन्होंने यहां तक आरोप लगा दिया है की महाराष्ट्र सरकार लोगों का ध्यान बांटने और उनमें दहशत फैलाने के लिए इस तरह की बातें कर रही है। साथ ही महाराष्ट्र के इस हाल के लिए उद्धव सरकार पर विफलताओं का ठीकरा भी फोड़ा।

गौरतलब है कि देशभर में आ रहे नए कोरोना मामलों में 50 फीसदी से ज्यादा केस महाराष्ट्र से आ रहे हैं। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद राज्य में हर दिन रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक अगर ऐसा ही चलता रहा तो इस महीने के अंत तक अकेले महाराष्ट्र में ही सक्रिय मामलों की संख्या 11 लाख को पार कर जाएगी। राज्य के हॉस्पिटल्स में अभी ही बेड्स की किल्लत हैं, जबकि राज्य के 5 लाख एक्टिव मरीजों में 40 फीसदी ही अस्पताल में भर्ती हैं। इतना ही नहीं ऑक्सिजन आपूर्ति घटने के भी संकेत हैं। इनसब के बावजूद राज्य में तत्काल लोगों को टीका नहीं लगाया जाता है तो उसके परिणाम बेहद भयावह हो सकते हैं।