यूपीए क्या है, अब कोई यूपीए नहीं है, शरद पवार से मुलाक़ात के बाद ममता बनर्जी ने दिया नए गठबंधन का संकेत

कांग्रेस के साथ जारी है ममता का घमासान, मुंबई दौरे पर एनसीपी सुप्रीमो से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि बीजेपी को हराने के मकसद में वे खुद को कांग्रेस पार्टी की सहयोगी के तौर पर नहीं देख रही हैं

Updated: Dec 01, 2021, 02:34 PM IST

मुंबई। कांग्रेस और टीएमसी के बीच सियासी घमसान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुंबई के तीन दिवसीय दौरे पर गईं ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर इशारों इशारों में हमला बोलते हुए कहा है कि अब यूपीए का कोई अस्तित्व नहीं बचा है। ममता बनर्जी ने यह बात शरद पवार से मुलाकात के बा कही। 

एनसीपी सुप्रीमो से मुलाकात के बाद जब ममता बनर्जी से यह पूछा गया कि क्या शरद पवार यूपीए का नेतृत्व करने वाले हैं? इस पर पश्चिम बंगाल सीएम ने कहा कि यूपीए क्या है? अब कोई यूपीए नहीं है? हम मिलकर तय करेंगे।

ममता के इतना कहने के बाद जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस के इतर किसी अन्य विकल्प की तलाश हो रही है? इस पर टीएमसी प्रमुख ने जवाब दिया कि शरद जी ने कहा है कि इस लड़ाई को मजबूती से लड़ने वाले लोग ही विकल्प होंगे। ममता ने कांग्रेस का बिना नाम लिए हमला बोलते हुए कहा कि अगर कोई लड़ना ही नहीं चाहता तो हम क्या कर सकते हैं? हमें लगता है कि हर किसी को लड़ना चाहिए। 

हालांकि ममता बनर्जी के विपरीत शरद पवार कांग्रेस के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचते नजर आए। महाराष्ट्र में कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना की गठबंधन वाली सरकार के सूत्रधारों में से एक शरद पवार ने कहा कि जो भी बीजेपी का विरोध कर रहे हैं, उनका स्वागत है। किसी को दरकिनार करने का कोई सवाल पैदा नहीं होता। खुद शरद पवार की ही पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक यह कह चुके हैं कांग्रेस के बिना बीजेपी को हराना संभव नहीं है।

इससे पहले ममता बनर्जी ने सिविल सोसायटी के सदस्यों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्षेत्रियों दलों के साथ आने पर जोर दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि अगर क्षेत्रीय दल एक साथ आ जाएं, तो बीजेपी को हराना आसान है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह एलान किया कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानभा चुनाव नहीं लड़ेगी। 

कांग्रेस पार्टी और ममता बनर्जी के बीच बीते कुछ दिनों में तकरार बढ़ गई है। हाल ही में मेघालय के पूर्व सीएम मुकुल संगमा सहित कांग्रेस पार्टी को टीएमसी ने अपने दल में शामिल करा लिया था। कीर्ति आजाद और अशोक तंवर ने भी ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के दौरान टीएमसी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। जिसके बाद कांग्रेस और टीएमसी के बीच तकरार खुले तौर पर उजागर हो गई। 

दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले खुद ममता बनर्जी बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती थीं। लेकिन उस वक्त ऐसी बात सामने आई कि पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को ममता बनर्जी से गठबंधन न करने की सलाह दी। 

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ममता बनर्जी ने जुलाई महीने में दिल्ली दौरा किया। इस दौरान वे लागतार विपक्षी एकता का हवाला देती रहीं। दिल्ली दौरे पर ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मुलाकात की। हालांकि अधीर रंजन चौधरी लागतार ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल खड़ा करते रहे। बीते हफ्ते जब ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर आईं उस दौरान भी अधीर रंजन चौधरी ने यह दावा किया कि ममता बनर्जी दिल्ली में कांग्रेस को तोड़ने के इरादे से आई हैं।

अधीर रंजन चौधरी का यह दावा उसी दिन सही साबित हो गया जब कीर्ति आजाद और अशोक तंवर ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता छोड़ दी। वहीं मेघालय में भी टीएमसी ने कांग्रेस के भीतर बड़े टूट को अंजाम दे दिया।