महबूबा मुफ्ती का दावा कश्मीर में सामान्य नहीं हैं हालात, कहा मुझे हाउस अरेस्ट किया गया

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि भारत सरकार अफगानिस्तान के नागरिकों के अधिकारों के लिए चिंता जताती है, लेकिन कश्मीरी नागरिकों के अधिकारों को नजरअंदाज करती है

Updated: Sep 07, 2021, 12:29 PM IST

Photo Courtesy: Huffpost
Photo Courtesy: Huffpost

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम व पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को घर में नजरबंद किया गया है। महबूबा मुफ्ती ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की मोदी सरकार के रवैए पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि वह अफगानी नागरिकों के अधिकारों को लेकर चिंता जताती है, लेकिन कश्मीरी नागरिकों के अधिकारों को नजरअंदाज करती है।

महबूबा मुफ्ती ने अपने घर के बाहर की तस्वीरें ट्वीट की है। इसमें देखा जा सकता है कि दरवाजों को बंद कर दिया गया है और बाहर सशस्त्र सैन्य वाहन खड़ा है। पीडीपी नेता ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार जानबूझकर कश्मीरी नागरिकों के अधिकारों को नजर अंदाज करती है। मुफ़्ती के मुताबिक प्रशासन ने उन्हें यह कहकर घर से निकलने की इजाजत नहीं दी है कि घाटी में सबकुछ सामान्य नहीं है। पीडीपी चीफ ने कहा है कि यह सरकारी दावों की पोल खोलती है जिसमें कहा जाता है कि घाटी में सब सामान्य है।

मामले पर प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए महबूबा मुफ्ती से यह अनुरोध किया गया है कि वो आज कुलगाम का दौरा न करें। पुलिस का कहना है कि उन्हें नजरबंद नहीं किया गया है, बल्कि इसलिए कुलगाम जाने से रोका गया है क्योंकि उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है और इसके लिए काफी इंतजाम करने पड़ते हैं।

यह भी पढ़ें: इंटरनेट सेवा बंद करने के बावजूद किसानों को नहीं रोक पाई खट्टर सरकार, सुरजेवाला ने CM को बताया भयजीवी

बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पाबंदियां लगाई गई है। ये पाबंदियां हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के मौत के बाद लगाई गईं हैं। बता दें कि इसके पहले महबूबा मुफ्ती में गिलानी के परिवार को उनके अंतिम संस्कार से वंचित रखे जाने को मानवता के खिलाफ बताया था। मुफ़्ती ने कहा था कि गिलानी से हमारे भी मतभेद हैं, लेकिन लड़ाई जीवित व्यक्ति से की जाती है। मृत्यु के बाद हर कोई सम्मानजनक अंतिम संस्कार का हकदार होता है।