इंटरनेट सेवा बंद करने के बावजूद किसानों को नहीं रोक पाई खट्टर सरकार, सुरजेवाला ने CM को बताया भयजीवी

करनाल में मंगलवार को किसान महापंचायत का आह्वान किया गया है, इससे पहले हरियाणा सरकार ने करनाल सहित पांच जिलों में मंगलवार देर रात तक के लिए इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है

Updated: Sep 07, 2021, 10:04 AM IST

नई दिल्ली। मंगलवार को करनाल में होने वाली किसान महापंचायत से पहले हरियाणा सरकार ने करनाल सहित पांच जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जिंद में इंटरनेट सेवाओं पर मंगलवार रात बारह बजे तक के लिए रोक लगा दी। इसके साथ ही करनाल जिले में धारा 144 भी लागू की गई है। लेकिन इसके बावजूद सरकार किसानों को महापंचायत में पहुंचने में नहीं रोक पाई।भारी संख्या में एकत्रित होकर किसानों ने हरियाणा सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

हरियाणा सरकार के इंटरनेट बंद करने के फैसले पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार और सीएम मनोहर लाल खट्टर की जमकर आलोचना की है। रणदीप सुरजेवाला ने सीएम खट्टर को भयवजीवी बताते हुए कहा कि जब भारत सरकार तालिबान से बात कर सकती है तो अन्नदाताओं से क्यों नहीं कर सकती? 

रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर हरियाणा सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि जब भी तानाशाह डरता है, तब इंटरनेट बंद कर देता है!भयजीवी खट्टर जी, यदि थोड़ी सी भी लोकलाज बची है तो झोला उठाकर चल दीजिए। आप प्रदेशवासियों का विश्वास और जनादेश दोनों गँवा चुके हैं।आपकी पार्टी तालिबान से तो बात कर सकती है तो फिर अन्नदाताओं से क्यों नहीं?

उधर करनाल में भारी संख्या में किसान महापंचायत में शिरकत करने के लिए पहुंच गए हैं। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता करनाल में महापंचायत के मंच पर पहुंच चुके हैं। हालांकि करनाल प्रशासन ने शहर के ज्यादातर हिस्सों पर पहरा लगा रखा है। करनाल में अर्ध सैनिक बलों की दस कम्पनियां और सुरक्षा बलों की चालीस कम्पनियों की तैनाती की गई है। 

महापंचायत के साथ साथ किसानों द्वारा लघु सचिवालय के घेराव की भी योजना है। 28 अगस्त को किसानों के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ किसान आज अपना विरोध दर्ज कराने वाले हैं। हालांकि गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि लघु सचिवालय का घेराव करने से पहले किसान नेताओं के एक दल को प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया है। प्रशासन से बात करने के लिए जाने वाली कमेटी में राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, दर्शन पाल और योगेंद्र यादव सहित कुल ग्यारह किसान नेता शामिल हैं।