भारत के 40 करोड़ लोगों पर अब भी मंडरा रहा है कोरोना का खतरा, ICMR चीफ ने चेताया

बलराम भार्गव ने बताया कि देश भर के 70 ज़िलों में जून-जुलाई के महीने में सीरो सर्वे किया गया, जिससे यह पता चला है कि देश की दो तिहाई आबादी को कोरोना का संक्रमण हुआ, जबकि 40 करोड़ से अधिक लोगों को अब भी कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है

Publish: Jul 20, 2021, 01:29 PM IST

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच ICMR ने दावा किया है कि भारत में अब भी 40 करोड़ से अधिक लोगों पर कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। ICMR चीफ बलराम भर्गव ने यह दावा सीरो सर्वे के आधार पर किया है। बलराम भार्गव ने कहा है कि सीरो सर्वे से यह बात सामने निकल कर आई है कि अब तक भारत की दो तिहाई आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। इस लिहाज़ से देश में अब भी 40 करोड़ से अधिक ऐसे लोग बचे हुए हैं जिन्हें कोरोना हो सकता है। हालांकि दो तिहाई आबादी यानी 67 फीसदी जनसंख्या में एंटीबॉडी होने का अनुमान है।  

बलराम भार्गव ने बताया कि सीरो सर्वे का चौथा चरण था। इसे जून-जुलाई के महीने में किया गया । भार्गव ने बताया कि देश भर के कुल 21 राज्यों के 70 ज़िलों में यह सर्वे किया गया। जिसमें 28,795 लोगों पर यह सर्वे किया गया। इसमें हर ज़िले के कम से कम 10 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया, जिस वजह से कुल 752 स्वास्थ्यकर्मियों  को सीरो सर्वे में शामिल किया गया। सीरो सर्वे के मुताबिक करीब 85 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का संक्रमण हुआ। जिसमें दस फीसदी स्वास्थ्यकर्मी ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है।  

बच्चों के शरीर में है ज़्यादा एंटीबॉडी 
सीरो सर्वे में सबसे दिलचस्प बात यह निकल कर सामने आई है कि बच्च्चों में एंटीबॉडी अडल्ट के बराबर है। सीरो सर्वे के चौथे चरण में 6 से 18  वर्ष के उम्र के बच्चों को भी शामिल किया गया था।  कोरोना के प्रति सबसे अधिक एंटीबॉडी 6 से 9 वर्ष की उम्र के बच्चों में मिली। सर्वे के मुताबिक 6 से 9 वर्ष की आयु वाले बच्चों में 57. 2 सीरो प्रिवलेंस थी। जबकि 9 से 17 वर्ष के बच्चों में 61.6 फीसदी, 18 से 44 उम्र के लोगों में 66.7 फीसदी जबकि 45 से 60 वर्ग की आयु वाले लोगों में यह 77.6 फीसदी पाई गई। इसका अर्थ यह हुआ कि 6 से 9 वर्ष की आयु वर्ग वाले बच्चों में कोरोना का प्रसार बाकी आयु वर्ग के लोगों के मुकाबले बेहद कम है।  

बलराम भार्गव ने सीरो सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि बच्चों में वयस्कों की तुलना में कोरोना से लड़ने की अधिक क्षमता है। भार्गव ने कहा कि अब स्कूलों को खोलने का समय आ गया है। इसके साथ ही भार्गव ने यह भी कहा कि माध्यमिक स्कूलों को खोले जाने से पहले प्राथमिक स्कूलों को खोला जाना चाहिए। स्कूल खोलने से पहले स्कूल बस ड्राइवर, शिक्षकों और स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों का टीकाकरण होना ज़रूरी है।