यूपी के बुल्डोजर कल्चर ने ली मासूमों की जान, कानपुर में मां बेटी की ज़िंदा जलकर मौत
कानपुर देहात के मड़ौली गांव में स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए झोपड़ी पर बुल्डोजर चलवा दिया, इसी दौरान झोपड़ी में मौजूद मां बेटी की ज़िंदा जलने से मौत हो गई

कानपुर। उत्तर प्रदेश में व्याप्त बुल्डोजर कल्चर ने सोमवार को दो मासूमों की जान ले ली। कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन ने एक झोपड़ी हटाने के लिए बुल्डोजर चलवा दिया। इसी दौरान झोपड़ी में आग लग गई और उसमें मौजूद मां बेटी बुरी तरह से झुलस गए। आग में बुरी तरह से झुलसने के कारण दोनों की जान चली गई।
यह हृदय विदारक घटना कानपुर देहात की बताई जा रही है। कानपुर देहात के मड़ौली गांव में सोमवार को स्थानीय प्रशासन पहुंचा था। कृष्ण गोपाल सिंह के यहां प्रशासन अतिक्रमण हटाने के इरादे से पहुंचा था। इसी दौरान परिजनों और स्थानीय प्रशासन के बीच नोकझोंक हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने कृष्ण गोपाल सिंह की झोपड़ी पर बुल्डोजर चलवा दिया। हालांकि इस दौरान प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 वर्षीय बेटी झोपड़ी में ही मौजूद थी। बुल्डोजर चलने के दौरान झोपड़ी में आग लग गई और दोनों मां बेटी बुरी तरह से झुलस गईं। आग में ज़िंदा जलने के कारण दोनों की ही मौत हो गई। जबकि आग बुझाने के प्रयास में कृष्ण गोपाल दीक्षित और बेटा शिवम भी बुरी तरह से झुलस गए।
कानपुर में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम के सामने ही माँ-बेटी ने आग लगाकर जान दे दी। और पुलिस तमाशबीन बनी रही।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) February 13, 2023
अतिक्रमण हटाने का यह कौन-सा तरीका है कि लोग दुनिया से ही हट जाएं?
बाबा! अपनी बुलडोजर नीति को अब भी सम्भालिये या इस खूबसूरत धरती को श्मसान बना कर ही मानेंगे? pic.twitter.com/zmqHKiQ33x
इस विभत्स घटना के बाद प्रशासन पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने प्रशानिक अधिकारियों को खदेड़ दिया। हालांकि अधिकारी वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गए। इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर योगी सरकार के बुल्डोजर कल्चर की जमकर आलोचना हो रही है। इस मामले में योगी सरकार ने एसडीएम और एसओ समेत कुल 24 लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज किया है।
हालांकि इस मामले में प्रशासन का भी पक्ष सामने आया है जिसके मुताबिक प्रशासन से बहस के दौरान प्रमिला दीक्षित झोपड़ी के अंदर चली गईं और उन्होंने खुद को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद प्रशासन ने बुल्डोजर चलाकर बचाने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने खुद गांव के कुछ दबंगों से मिलकर इस झोपड़ी में आग लगाई है।