किसान अस्तित्व की और मोदी अहंकार की लड़ाई लड़ रहे, वार्ता के दिन एमपी कांग्रेस ने छोड़े कई तीर
केंद्र सरकार से आज किसानों की वार्ता, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'अगर किसानों का हित नहीं कर सकते, तो कुर्सी छोड़ दें, देश किसान हितैषी नई सरकार चुन लेगा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं के साथ आज सरकार की छठे दौर की वार्ता है। इस मौके पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने किसानों के मसले को लेकर पीएम मोदी पर कई तीर छोड़े हैं। एमपी कांग्रेस ने मोदी से कहा है कि वह अपनी कुर्सी छोड़ दें, देश किसान हितैषी नेता चुन लेगी। साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी अपने अहंकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, 'किसान- अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है, मोदी- अहंकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।'
किसान-
— MP Congress (@INCMP) December 30, 2020
- अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है,
मोदी-
- अहंकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। pic.twitter.com/cvbX5QQN6b
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, 'अगर किसानों का हित नहीं कर सकते, तो कुर्सी छोड़ दें, देश किसान हितैषी नई सरकार चुन लेगा।'
इसके पहले बिहार की राजधानी पटना में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की खबर को साझा करते हुए एमपी कांग्रेस ने लिखा था कि, 'पटना में किसानों पर लाठी चार्ज, —बीजेपी बनी किसानों की यमराज।'
मध्य प्रदेश कांग्रेस के यूथ विंग ने लिखा कि, 'अहंकारी सत्ता के अहंकार को चकनाचूर करने के मकसद से भारतीय युवा कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता आज 30 दिसंबर को देश भर में आक्रोश की मशाल लेकर निकलेगा, हम देश के अन्नदाताओं की लड़ाई को अपनी आखिरी सांस तक लड़ने की लिए वचनवद्ध है, क्योंकि अन्नदाता ही तो असली हिंदुस्तान है।'
अहंकारी सत्ता के अहंकार को चकनाचूर करने के मकसद से भारतीय युवा कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता आज 30 दिसंबर को देश भर में आक्रोश की मशाल लेकर निकलेगा, हम देश के अन्नदाताओं की लड़ाई को अपनी आखिरी सांस तक लड़ने की लिए वचनवद्ध है, क्योंकि अन्नदाता ही तो असली हिंदुस्तान है..। pic.twitter.com/X4sHW36yi1
— MP Youth Congress (@IYCMadhya) December 30, 2020
एमपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा है कि, 'ये हम उन किसानों के संघर्ष के लिए कर रहे हैं जो तीन काले कानूनों के खिलाफ लड़ रहे हैं। ये वही किसान हैं जो हमारा पेट भरते हैं, ये वही किसान हैं जो हमें खाना खिलाते हैं, ये देश के अन्नदाता हैं। आज जब वे पीड़ा में हैं, तो सभी युवाओं की जवाबदारी बनती है कि इस संघर्ष में हम कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े रहें।'
गौरतलब है कि आज देश के 40 किसान संगठन एक बार फिर से राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में कृषि कानूनों को लेकर सरकार से वार्ता कर रहे हैं। पिछले 35 दिनों से दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिया जाए, वहीं सरकार उसमें संशोधन करने पर अड़ी हुई है।