अलोकतांत्रिक तरीके से चलाई जा रही संसद, लोकसभा स्पीकर की मनमानी पर भड़के राहुल गांधी

राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि मैंने स्पीकर अनुरोध किया कि मुझे बोलने दें लेकिन वह भाग गए। सदन चलाने का यह कोई तरीका नहीं है। स्पीकर चले गए और उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया।

Updated: Mar 27, 2025, 02:44 PM IST

नई दिल्ली। बजट सत्र के दूसरे फेज का आज 11वां दिन है। इस दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में मुझे बोलने नहीं दिया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह जब बोलने के लिए खड़े हुए तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सदन स्थगित कर चले गए।

संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'मैं जब भी लोकसभा में अपनी बात रखने के लिए खड़ा होता हूं, तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है। मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे बोलने दें लेकिन वह (स्पीकर) भाग गए। सदन चलाने का यह कोई तरीका नहीं है। स्पीकर चले गए और उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया।'

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राहुल गांधी ने आगे कहा, 'एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं, उन्होंने (स्पीकर) सदन को स्थगित कर दिया, इसकी कोई जरूरत नहीं थी। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है। यहां हम जो कहना चाहते हैं, हमें कहने नहीं दिया जाता है। मैंने कुछ नहीं किया है, मैं बिल्कुल शांति से बैठा था। मैं एक शब्द नहीं बोला। पिछले 7-8 दिन से बोलने नहीं दिया गया।'

उन्होंने आगे कहा, 'लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष की जगह होती है, लेकिन यहां विपक्ष की कोई जगह नहीं है। यहां केवल सरकार की जगह है। उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ मेले के बारे में बोला, जिसमें मैं अपनी बात जोड़ना चाहता था। मैं कहना चाहता था कि बहुत अच्छा है, महाकुंभ मेला हुआ। मैं बेरोजगारी के बारे में कुछ कहना चाहता था। लेकिन, मुझे नहीं बोलने दिया गया। पता नहीं स्पीकर की क्या सोच और अप्रोच है। सच्चाई ये है कि हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है।'

मामले पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'संसदीय परंपरा हमें सिखाती है कि सदन जितना सत्ता पक्ष का है, उतना ही विपक्ष का भी है। जब भी विपक्ष, खासकर विपक्ष के नेता सदन में आते हैं और बोलना चाहते हैं, तो किसी न किसी नियम का हवाला देकर उन्हें उनके अधिकार से वंचित कर दिया जाता है। हमारी संसदीय परंपरा में विपक्ष का नेता बहुत महत्वपूर्ण पद है, लेकिन संसद में बार-बार ऐसी स्थिति बनती है कि अगर सरकार का कोई मंत्री या भाजपा का कोई सांसद है, तो उनके उठते ही माइक चालू हो जाता है...जब विपक्ष के नेता खड़े होते हैं, तो उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता।'

विपक्षी इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी राहुल गांधी की बात का समर्थन किया है। टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, 'राहुल गांधी ने सच कहा। वह हमारे विपक्ष के नेता हैं। वह सक्षम हैं और अच्छा बोलते हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। आज भी उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह शर्मनाक, गलत और निंदनीय है। मैं स्पीकर का सम्मान करता हूं लेकिन मुझे नहीं पता कि वह किस दबाव में हैं।'