NDA मतलब नो डेटा अवेलेबल, सब गायब सी, केंद्र सरकार पर बरसे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी
सरकार चाहती है कि आप उसकी इस बात पर भरोसा करें कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं हुई है और न ही किसान आंदोलन के दौरान किसी किसान की मौत: कांग्रेस नेता राहुल गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर कई मुद्दों को लेकर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी ने शनिवार को ट्टीट करते हुए एनडीए सरकार के कार्यकाल में कोरोना काल और किसान आंदोलन के दौरान हुई मौत, मॉब लिचिंग और पत्रकारों को अरेस्ट करने के मामले में जिम्मेदार ठहराया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'सरकार चाहती है कि आप उसकी इस बात पर भरोसा करें कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं हुई है और न ही किसान आंदोलन के दौरान किसी किसान की मौत हुई है। वह चाहती है कि उसकी इस बात पर भी यकीन किया जाए कि किसी भी प्रवासी मजदूर की मौत नहीं हुई है और न ही किसी की मॉब लिंचिंग हुई है। केंद्र चाहता है कि आप उसपर भरोसा करें कि किसी भी पत्रकार को अरेस्ट नहीं किया गया है। सरकार के पास कोई जवाब नहीं और न ही वो इसकी जवाबदेही समझते हैं।'
‘No Data Available’ (NDA) govt wants you to believe:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2022
No one died of oxygen shortage
No farmer died protesting
No migrant died walking
No one was mob lynched
No journalist has been arrested
No Data. No Answers. No Accountabilty. pic.twitter.com/mtbNkkBoXe
उन्होंने "सब चंगा सी" में चंगा को हटाकर "सब गायब सी" लिखा है। इससे पहले शुक्रवार को राहुल गांधी ने रेल किराए में वरिष्ठ नागरिकों को छूट नहीं दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार के पास 8400 करोड़ रुपये का हवाई जहाज खरीदने के लिए पैसे हैं, लेकिन रेल किराए में बुजुर्गों को रियायत देने के लिए 1500 करोड़ रुपये नहीं हैं।
विज्ञापनों का ख़र्च: 911 Cr
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 22, 2022
नया हवाई जहाज़: 8,400 Cr
पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट: 1,45,000 Cr/साल
लेकिन सरकार के पास बुज़ुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए 1500 करोड़ नहीं हैं।
मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे।
राहुल गांधी ने लिखा कि, 'विज्ञापनों का ख़र्च: 911 करोड़ रुपये, नया हवाई जहाज़: 8,400 करोड़ रुपये, पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट: 1,45,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष, लेकिन सरकार के पास बुज़ुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए 1500 करोड़ रुपये नहीं हैं। मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे।'