हाफ़िज़ सईद को सिर्फ़ दिखाने के लिए जेल हुई, असल में वो घर से चला रहा है आतंक का काला कारोबार

पाकिस्तान की एक कोर्ट ने हाल ही में हाफिज़ को 10 साल की सजा सुनाई है, लेकिन मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक़ वो अब भी अपने घर पर ही रह रहा है

Updated: Nov 27, 2020, 01:58 AM IST

Photo Courtesy : Daily Express
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लाहौर। पाकिस्तान की अदालत ने मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंकवाद के दो मामलों में पिछले हफ्ते ही 10 साल की जेल की सजा सुनाई है। दोनों मामले आतंकवाद के लिए पैसे जुटाने, यानी टेरर फंडिंग से जुड़े हुए हैं। लेकिन चौंकाने वाली खबर यह है कि लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज़ सईद अपने घर पर ही ठाठ से रह रहा है और अपने आतंकवादी गुर्गों को दिशानिर्देश दे रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हाफिज सईद लाहौर की कोट लखपत जेल में नहीं है बल्कि वह लाहौर के ही जौहर टाउन स्थित अपने घर में आराम से रह रहा है और आतंक का काला कारोबार चला रहा है। यह दावा हिंदुस्तान टाइम्स ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट्स के आधार पर किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह अधिकतर समय घर पर ही रहता है। घर पर मेहमान भी उससे मुलाकात करते रहते हैं।

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इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक पिछले महीने सईद के घर जकी-उर रहमान लखवी भी पहुंचा था। लखवी लश्कर-ए-तैयबा के जिहाद विंग का ऑपरेशनल कमांडर है। इनपुट है कि इस बैठक का अजेंडा जिहाद के लिए फंड जुटाना था। बता दें कि सईद की तरह लखवी भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से आतंकवादी घोषित है और 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का साजिशकर्ता है। 

अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान में लखवी को भी कई बार गिरफ्तार तो किया गया, लेकिन हाफिज सईद की तरह ही हर बार उसे भी दिखावा करने के बाद छोड़ दिया गया। माना जाता है कि यह लखवी ही था जिसने 26/11 हमलों से पहले भारत में रेकी के लिए पाकिस्तान में जन्मे अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली को राजी किया और उसे गाइड किया।

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मुंबई में मारे गए आतंकियों के लिए प्रार्थना सभा

इतना ही नहीं हैरान करने वाली बात तो यह है कि आज ही के दिन साल 2008 में मुंबई हमले के दौरान मारे गए आतंकियों के लिए हाफीज सईद ने प्रार्थना सभा का भी आयोजन करवाया है। हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी की तरफ से कैडर्स को फरमान जारी कर दिया गया है कि वे सभी इस प्रार्थना सभा में शामिल हों। यब सभा जमात की सभी मस्जिदों में होगी। इस सभा में मुंबई हमला के दौरान 166 लोगों का कत्लेआम करने के बाद भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए 9 आतंकियों समेत जिंदा पकड़ने के बाद फांसी पर लटकाए गए अजमल कसाब के लिए दुआएं की जाएंगी।

बता दें कि कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा हाफिज सईद के पोलिटिकल पार्टी जमात-उद-दावा का ही टेरर विंग है। आतंकी सईद को आधिकारिक रूप से जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इस साल फरवरी में टेरर फाइनेंसिंग केस में उसे 10 साल 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई। इसे अमेरिका की ओर से एक अहम कदम बताया गया था। पिछले सप्ताह भी उसे दो अन्य मामलों में 10 साल की सजा सुनाई गई है।

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पाकिस्तान के आंतरिक मामलों पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि आतंकी सईद को गिरफ्तार करने और सजा सुनाने का पाखंड इमरान खान की सरकार ने फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा ब्लैक लिस्ट किए जाने से बचने के लिए किया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर पाकिस्तान सईद को गिरफ्तार करने का ढोंग करते हुए विश्व को बड़ा धोखा दे रहा है। मामले पर भारतीय खुफिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सईद की हिरासत को लेकर सरकार ने पेपरवर्क किया है या नहीं इस बात की जानकारी नहीं है। यह कोई अनौपचारिक व्यवस्था हो सकती है।