यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की सजा टली, हत्या के आरोप में दी जानी थी मौत की सजा

भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में दी जाने वाली फांसी की सजा फिलहाल टाल दी गई है। निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप लगा है।

Updated: Jul 15, 2025, 05:06 PM IST

यमन की जेल में फांसी की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया के लिए एक राहत की खबर है। फांसी की तय तारीख- 16 जुलाई से ठीक एक दिन पहले निमिषा की फांसी अगली तारीख तक टाल दी गई है। केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2020 में यमन के एक व्यक्ति की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।

निमिषा को बचाने का एकमात्र तरीका यह है कि परिवार (यमनी व्यक्ति जिसकी मौत हुई) 'ब्लड मनी' यानी वित्तीय मुआवजा को स्वीकार करने के लिए सहमत हो। न्यूज एजेंसी के अनुसार सूत्र ने बताया कि भारत सरकार शुरुआत से ही मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। सरकार इस कोशिश में लगी है कि मृतक का परिवार ब्लड मनी लेने के लिए राजी हो जाए।

मामले की संवेदनशीलताओं के बावजूद, भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक के कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में हैं। इसी पहल की वजह से फांसी को अभी के लिए टालने को सुनिश्चित किया जा सका है। बताया जा रहा है कि सरकार की पहल के अलावा केरल के कांतपुरम के प्रभाववशाली सुन्नी मुस्लिम नेता एपी अबुबक्र मुसलियार ने यमन में सूफी विद्वानों से इस मामले में संपर्क साधा था।

इसके बाद यमन के प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इसके बाद निमिषा प्रिया की सजा टलने की खबर आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूफी नेता शेख हबीब उमर बिन हाफिज के प्रतिनिधियों और तलाल आब्दो मेहंदी के परिवार के बीच मुलाकात हुई।

केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली 38 वर्षीय निमिषा प्रिया, साल 2008 में नर्स की नौकरी के लिए यमन गई थीं। वहां निमिषा ने एक क्लिनिक खोला. लेकिन यमन के कानून के तहत, विदेशी को स्थानीय साझेदार रखना अनिवार्य है। इसलिए निमिषा ने एक यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी को अपना साझेदार बनाया। 

आरोपों के मुताबिक मेहदी ने उसके साथ धोखाधड़ी की, पैसे हड़पे और यहां तक कि उस पर शादी का झूठा दावा भी किया। परिवार की याचिका बताती है कि मेहदी ने निमिषा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। नतीजतन साल 2017 में, निमिषा ने मेहदी को बेहोश कर पासपोर्ट वापस लेने की योजना बनाई लेकिन ड्रग की ओवरडोज से मेहदी की मौत हो गई।