PM Modi: गंदगी भारत छोड़ो का संकल्प दोहराना होगा

मोदी ने राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि 'हमें अब गंदगी भारत छोड़ो का संकल्प दोहराना होगा'

Updated: Aug 09, 2020, 08:00 PM IST

photo courtesy : PIB
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली के राजघाट स्थित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन किया। मोदी ने उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि 'हमें अब गंदगी भारत छोड़ो का संकल्प दोहराना होगा' प्रधानमंत्री ने 'भारत छोड़ो अभियान के 78 साल पूरे होने पर राजघाट स्थित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि 'बापू का अभियान था अंग्रेज़ों भारत छोड़ो और हम उनके सपनो को साकार करने के लिए गंदगी भारत छोड़ो' का अभियान चला रहे हैं। जिसके लिए समस्त देशवासियों को संकल्पित होने की आवश्यकता है।    

नदियों को गंदगी से मुक्त करने का लक्ष्य 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह को सम्बोधित करते हुए गंगा सफाई योजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जैसे गंगा जी की निर्मलता को लेकर हमें उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं, वैसे ही देश की दूसरी नदियों को भी हमें गंदगी से मुक्त करना है।यहां पास में ही यमुना जी हैं।यमुना जी को भी गंदे नालों से मुक्त करने के अभियान को हमें तेज़ करना है।

 मोदी ने कार्यक्रम में सफाई के विभिन्न आयामों तथा केंद्र सरकार की उपलब्धियां तथा सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के बारे में बताया। मोदी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से देश में व्यापक भारत छोड़ो अभियान चल रहा है। गरीबी- भारत छोड़ो, खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो, पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो जैसे अभियान इस समय चल रहे हैं। मोदी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने खुले में शौच के खिलाफ अभियान नहीं छेड़ा होता तो आज देशभर में लॉक डाउन लगाना संभव नहीं हो पाता। मोदी ने कहा आज भारत ने खुले में शौच से भारत ने मुक्ति पा ली है, जिस वजह से हम लॉक डाउन लागू करने में कामयाब हो पाए।

नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजघाट के नजदीक स्थित ‘राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र’ का उद्घाटन किया। महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की प्रधानमंत्री ने सबसे पहले घोषणा 10 अप्रैल 2017 को महात्मा गांधी के चम्पारण ‘सत्याग्रह’ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी। यह स्वच्छ भारत मिशन पर एक परस्पर संवादात्‍मक (इंटरैक्टिव) अनुभव केंद्र होगा।