PM मोदी ने जारी किया नए संसद भवन का पहला वीडियो, वॉइस ओवर के साथ शेयर करने के लिए जनता से की अपील

पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण से दो दिन पहले उन्होंने संसद का पहला वीडियो जारी किया है, जिसमें नए संसद की भव्यता और सौंदर्य दिख रहा है।

Updated: May 26, 2023, 07:38 PM IST

PM मोदी ने जारी किया नए संसद भवन का पहला वीडियो, वॉइस ओवर के साथ शेयर करने के लिए जनता से की अपील

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को अरबों रुपए के खर्च से निर्मित नए संसद भवन का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण से दो दिन पहले प्रधानमंत्री ने संसद का पहला वीडियो जारी किया है, जिसमें नए संसद की भव्यता और सौंदर्य को देखा जा सकता है। 

पीएम मोदी ने माय संसद माय प्राइड हैश टैग के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि नई संसद हर भारतीय को गौरवांवित करती है। यह वीडियो संसद की भव्यता को दर्शाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने विचारों और वॉयस ओवर के साथ इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करें। इनमें से कुछ अच्छे वीडियो को वे रीट्वीट करेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा जारी 1.48 सेकंड की वीडियो में संसद के सभी क्षेत्रों को दिखाया गया है। वीडियो की शुरुआत एंट्री गेट से होती है। फिर गुंबद पर लगा अशोक चिन्ह और बाहरी दीवारें इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा का दृश्य नजर आता है। वीडियो में भवन के बाद संसद का एरियल दृश्य दिखता है।

एरियल व्यू के बाद लोकसभा दिखाया जाता है, जिसकी भव्यता देख नजरें एक बार ठहर जाती है। हरे रंग का बैकग्राउंड और इंटीरियर हो या फिर सुनहरे रंग की दीवार, नजरें जहां पड़ रहीं हैं वहीं थम सी जाती है। लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के ऊपर अशोक चक्र स्थापित किया गया है। मोर के पंख की आकृति लोकसभा भवन की खूबसूरती में चार चांद लगा रही है। 

वहीं लाल रंग के बैकग्राउंड और इंटीरियर से बने राज्यसभा की भव्यता भी अपने आप में अनूठी है।
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में हर डेस्क पर स्क्रीन लगी हैं। दोनों सदनों में लाइटिंग की व्यवस्था भी वर्ल्ड क्लास है। PM मोदी नई संसद के इनॉगरेशन के वक्त 75 रुपए का सिक्का भी जारी करेंगे।

उधर, नए संसद भवन के इनॉगरेशन को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई हैं। सेंगोल (राजदंड‌) पर भाजपा के दावों को कांग्रेस ने झूठा करार दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि सेंगोल (राजदंड) को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर आजादी के समय नेहरू को इसे सौंपा था। इससे जुड़े सभी दावे गलत हैं।