पीएम मोदी की पत्नी जसोदा बेन का आरोप, मुझे सास के अंतिम संस्कार में जाने से रोका गया

पीएम मोदी की पत्नी जशोदाबेन अपनी सास हीरा बेन की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए फूट-फूटकर रोती रहीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया।

Updated: Jan 07, 2023, 10:57 AM IST

अहमदाबाद। पीएम मोदी की मां हीरा बेन की बीते 30 दिसंबर को 100 साल की उम्र में मौत हो गई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने भी उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया था। लेकिन क्या आपने इस बात पर गौर किया कि हीरा बेन की अंतिम संस्कार में उनकी एक बहु जशोदा बेन क्यों कहीं नजर नहीं आ रही थीं? क्या उन्हें अपने सास की मौत का गम नहीं था? ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। बल्की सच तो ये है कि मौत की खबर सुनते ही वह अहमदाबाद के लिए निकल रही थीं लेकिन उन्हें घर में ही कैद कर दिया गया था। 

जशोदा बेन के भाई अशोक मोदी ने टीएनएफ टूडे चैनल से संपर्क कर इस बात का खुलासा किया है। टीएनफ न्यूज ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी की मां के निधन के समय जशोदा बेन मोदी अपने घर पर ही मौजूद थीं। जब उन्हें पीएम मोदी की मां यानी अपने सास के निधन की खबर मिली तो वह बेहद दुखी हुईं। आनन फानन में वह अपने भाई और भतीजों के साथ अहमदाबाद के जाने के लिए तैयार हुईं। लेकिन जैसे ही उन्होंने घर से बाहर कदम रखा तो गुजरात पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

गुजरात पुलिस के लोग चारों तरफ से उनके घर को घेरे हुए थे। पुलिस ने कहा कि ऊपर से ऑर्डर मिला है कि जशोदा बेन को घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाए। पीएम मोदी की पत्नी इतना सुनकर फफक-फफककर रोने लगीं। जब उन्हें अंतिम संस्कार में जाने से रोका गया तो वह बुरी तरह से टूट गईं। लेकिन पीड़ा के इस क्षण में निर्दयी अधिकारियों ने उन्हें घर से बाहर कदम रखने नहीं दिया।

स्वयं पीएम मोदी की पत्नी जशोदा बेन ने भी टीएनएफ टुडे से इस बारे में बात की है। उन्होंने कैमरे पर कहा, 'जब मेरी सास का निधन हो गया तो मैं वडनगर जाना चाहती थी। पर सरकार ने गांधीनगर, मेहसाणा और उंझा पुलिस से हमें अपने घर में नजरबंद कर दिया। जब मैंने पूछा की हमें वडनगर जाने से क्यों रोका जा रहा है, तब इन पुलिसवालों ने हमें उत्तर दिया कि हम कुछ नहीं जानते, हमें तो ऊपर से आदेश है।' यह घटना बताते हुए भी वह रुआंसी हो गईं।

अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रधानमंत्री की पत्नी के साथ पुलिस ने ऐसा दुर्व्यवहार क्यों किया? किसके कहने पर उन्हें घर में कैद किया गया था? स्पष्ट है कि जबतक स्वयं प्रधानमंत्री इस तरह का निर्देश नहीं देंगे पुलिस उनकी पत्नी के साथ ऐसा बर्ताव नहीं करेगी। लेकिन क्या शोक की घड़ी में भी प्रधानमंत्री इतना क्रूर और कठोर बने रहे कि उन्होंने अपनी पत्नी को कैद करने का आदेश दे डाला? यह सवाल फिलहाल अनुत्तरित है।

बता दें कि पीएम मोदी ने अपनी मां की मौत के बाद एक ट्वीट में लिखा था कि, 'मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।'