ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन, 88 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, दुनियाभर में शोक की लहर

पोप फ्रांसिस पिछले कई महीनों से वे स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से दुनिया भर के 1.4 अरब कैथोलिक अनुयायी शोक में डूब गए हैं।

Updated: Apr 21, 2025, 03:26 PM IST

कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र निधन हो गया है। वेटिकन के मुताबिक स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर पोप ने आखिरी सांस ली। पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी यानी गैर यूरोपियन पोप थे।

पोप फ्रांसिस पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। वे 5 हफ्ते तक फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते अस्पताल में भर्ती थे। इलाज के दौरान कैथलिक चर्च के हेडक्वॉर्टर वेटिकन ने बताया था कि पोप की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में किडनी फेल होने के लक्षण दिख रहे थे। हालांकि 14 मार्च को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था।

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पोप फ्रांसिस 1300 साल में पहले गैर-यूरोपीय थे, जिन्हें पोप चुना गया था। पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक व्यक्तियों के चर्च आने, सेम-सेक्स कपल्स को आशीर्वाद देने, पुनर्विवाह को धार्मिक मंजूरी देने जैसे बड़े फैसले लिए। उन्होंने चर्चों में बच्चों के यौन शोषण पर माफी भी मांगी थी।

पोप फ्रांसिस के निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने अपना दुख जाहिर किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा, 'ब्यूनस आयर्स से लेकर रोम तक, पोप फ्रांसिस चाहते थे कि चर्च सबसे गरीब लोगों के लिए खुशी और उम्मीद लेकर आए। लोगों को एक-दूसरे और प्रकृति के साथ एकजुट करें। यह आशा उनके परे भी लगातार पुनर्जीवित हो। मेरी पत्नी और मैं सभी कैथोलिकों और शोकग्रस्त दुनिया के लिए अपनी संवेदनाएँ भेजते हैं।'

पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि, परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।

वहीं, अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि मुझे अभी पोप फ्रांसिस के निधन के बारे में पता चला। मेरी संवेदनाएं दुनिया भर के उन लाखों ईसाइयों के साथ हैं जो उनसे प्यार करते थे। कल उन्हें देखकर मुझे खुशी हुई, हालांकि वे जाहिर तौर पर बहुत बीमार थे। लेकिन मैं उन्हें हमेशा कोविड के शुरुआती दिनों में दिए गए उनके प्रवचन के लिए याद रखूंगा। यह वाकई बहुत खूबसूरत था। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।