रक्षा विभाग के कार्यक्रम में बिन बुलाए पहुँच गए पीएम मोदी

PM Modi: डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस और फिक्की के वेबिनार में पीएम मोदी वक्ता नहीं थे लेकिन वे अचानक जुड़े, पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में भी भारत को बनाना है आत्मनिर्भर

Updated: Aug 28, 2020, 09:35 PM IST

Photo Courtesy:  Twitter
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नई दिल्ली। रक्षा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ डिफेन्स) और फिक्की द्वारा आयोजित वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक शिरकत की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुख  वेबिनार के हिस्सा थे। प्रधानमंत्री इस वेबिनार के आखिरी क्षणों में जुडे़ थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ' रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर ' विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 20 मिनट तक भाषण दिया। मोदी ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय हमारे सामने भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है। मोदी ने कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने से न सिर्फ भारत को लाभ को पहुंचेगा बल्कि ग्लोबल इकॉनमी को भी एक स्थिरता मिलेगी, जो कि भारत अपने लक्ष्य की पूर्ति कर प्रदान कर सकता है। 

रक्षा मंत्री की तारीफ 

मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तत्पर हैं। वे इस समय कमोबेश एक मिशन के मोड में हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में वही देश एक अग्रणी होगा जो न सिर्फ तकनीक का भरपूर इस्तेमाल करेगा अपितु वो तकनीक के बहुआयामी दृष्टिकोण और उसके इस्तेमाल का जानकार होगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस फॉर्मूला के आधार पर भारत  सामरिक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। तो वहीं सीडीएस ( चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ ) बिपिन रावत ने कहा कि इससे ज़्यादा गर्व और खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती कि हम हथियार के मामले में आत्मनिर्भर हों और उस युद्ध में दुश्मन को परास्त कर विजयी हों। 

सेना के बजट में हो रहा है इज़ाफ़ा, लेकिन हथियारों के मामले में कहां खड़ा है भारत ?

भारत और चीन के बीच काफी समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी जारी है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी अपनी नापाक हरकतों से बाज़ नहीं आता है। नेपाल के साथ भी सीमा विवाद जारी है। कोरोना से जूझने के साथ साथ अपने पड़ोसी मुल्कों का रवैया भी भारत के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में सीमा पर खराब हालात को देखते हुए अगर हम भारत की युद्ध तैयारियों की बात करें तो यह बहुत हद तक संतोषजनक प्रतीत नहीं होता है। भारत सरकार हर साल के अपने बजट में सेना के बजट में बढ़ोतरी करती है। बावजूद इसके भारत अभी भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है।  

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स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सऊदी अरब के बाद दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है।इसका मतलब यह है कि भारत बाकी देशों के मुकाबले युद्ध हथियारों को लेकर आत्मनिर्भर नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हथियारों के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयतक देश होने के बाद भी देश में डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर तो तैयार करने में नाकामयाब रहा है। तो वहीं हथियारों के निर्यात के मामले में भी भारत की बिक्री घटी है। अगर दुनिया के हथियार बाजार में भारत की बात करें तो सार्वजनिक क्षेत्र की तीन शीर्ष रक्षा कंपनियों की सामूहिक बिक्री साल 2018 में 6.9 फीसदी घटकर 5.9 अरब अमेरिकी डॉलर रह गई। ऐसे में यह बात ज़ाहिर है कि हर वर्ष सेना के बजट में इज़ाफ़ा होने के बावजूद भारत हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है। जो कि युद्ध स्तर की तैयारियों के मद्देनजर भारत के पिछड़ने की गवाही दे रहा है।