राजा बल के द्वार मची री होली, दिग्विजय सिंह ने गाया होली गीत, राघौगढ़ किले पर होली का हिल्ला आज
राघौगढ़ किले पर गुरुवार को 'हिल्ला' मनाया जाएगा। 25 साल बाद दिग्विजय सिंह इसमें शामिल होने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश वे नहीं आ सके।
गुना। राघौगढ़ किले पर गुरुवार को यानी आज 'होली का 'हिल्ला' मनाया जाएगा। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह इसमें शामिल होने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश वे नहीं आ सके। सिंह ने वीडियो जारी कर राघौगढ़वासियों को शुभकामनाएं दी और 'हिल्ले' पर गाया जाने वाला होली गीत भी गाया।
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह में वीडियो जारी कर कहा, 'हिल्ले के शुभ अवसर पर आप सभी को मेरी बधाई। चाहते हुए भी आप लोगों के बीच आज नहीं हूं। इसके लिए क्षमा चाहता हूं।' सिंह ने 'हिल्ले' पर गाया जाने वाला होली गीत 'राजा बल के द्वार मची री होली, के चढ़ आयो तो पे लख बंजारो भी गाया।
होली के बाद हिल्ले के आयोजन पर आए सभी राघौगढ़ के साथियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 28, 2024
मैं चाहते हुए भी हिल्ले में शामिल नहीं हो पा रहा हूँ, क्षमा करें।
लेकिन इस मौक़े पर राघौगढ़ में गाया जानेवाला होली गीत आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ।
“राजा बल के द्वार
मची री होली
रे मचे री…
जानकारी के मुताबिक हिल्ले का आयोजन सुबह 11 बजे से होगा। पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह और विधायक जयवर्धन सिंह भी मौजूद रहेंगे। हर साल होली की तीज पर इसे मनाया जाता है। इसमें राघौगढ़ के लोग पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के साथ होली खेलने उनके निवास पर पहुंचते हैं। इस परंपरा की शुरुआत 210 साल पहले हुई थी।
बताया जाता है कि सन 1816 में ब्रिटिश सेनापति जॉन बप्टिस ने अपनी सेना के साथ राघौगढ़ किले पर हमला किया था। उस समय राघौगढ़ की कमान हिंदुपथ नरेश राजा जयसिंह के हाथ में थी। विशाल सेना की मदद से जॉन बप्टिस ने बजरंगगढ़ का किला जीत लिया था। इसके बाद अंग्रेजी सेना ने राघौगढ़ किले की घेराबंदी कर ली। हालांकि, यहां वे नहीं जीत पाए। राघौगढ़ रियासत ने ये लड़ाई होली के तीसरे दिन जीती थी और तब राजा जयसिंह ने लोगों के साथ होली मनाई थी। तब से होली के तीसरे दिन यहां हिल्ला मनाया जाता है।