राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिभाषण में कहा, लोगों को कानूनों और नियमों का पालन करना चाहिए, कृषि कानून पर सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी, तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

Updated: Jan 29, 2021, 10:34 AM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। संसद के दोनों सदनों के साझा सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कृषि कानूनों पर सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण है।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'संविधान सभी को अभिव्यक्ति की आजादी देता है। अभिव्यक्ति का सम्मान करता है। वही संविधान सभी को कानून का पालन करने के लिए भी कहता है। राष्ट्रीय झंडा और गणतंत्र दिवस जैसा पावन दिन अपमानित हुआ है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।' राष्ट्रपति ने इस दौरान कृषि कानूनों की तारीफ भी की।

उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत किसानों के जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं। पिछले 6 साल में सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक कई सकारात्मक पहल की है। स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट भी लागू की है जिससे किसानों को उनकी उपज का डेढ़ गुना एमएसपी मिल सके।' 

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, 'देश में 80% से ज्यादा छोटे किसान हैं इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है। तीन महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों की वजह से जो कृषि सुधार हुए हैं उनका 10 करोड़ से ज्यादा छोटे किसानों को फायदा मिलना शुरू हुआ है। मेरी सरकार नए कानूनों के संदर्भ में भ्रम दूर करने की कोशिश कर रही है।' कृषि कानूनों के अमल पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने पर राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार अदालत के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।

कृषि कानूनों के विरोध में 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकॉट किया। इनमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम), एआईयूडीए, अकाली दल, आप और बीएसपी शामिल हैं। इन दलों का कहना है कि पिछले सेशन में केंद्र सरकार ने जिस तरीके से कृषि कानूनों को पारित किया वह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। साथ ही विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार ने गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा किए गए विरोध के दौरान बेईमानी की है।