Rabri Devi: नीतीश में नहीं बची कोई लोकलाज, कुतर्कों के बने हैं योद्धा

Rabri devi: तेजस्वी को सबसे बड़ी पार्टी के नेता के तौर पर डिप्टी सीएम बनाकर नीतीश ने कौन सा एहसान किया, उन्हें राजनीतिक जीवनदान के लिए लालू जी का शुक्रगुजार होना चाहिए

Updated: Nov 29, 2020, 12:47 AM IST

Photo Courtesy : RepublicTV
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पटना। बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच हुए घमासान में अब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी शामिल हो गई हैं। राबड़ी देवी ने तेजस्वी की तरफ से पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार कुतर्कों के योद्धा हैं, जिनमें कोई लोकलाज नहीं बची है। उन्होंने ये दावा भी किया है कि लालू यादव ने नीतीश को राजनीतिक जीवनदान दिया था।

राबड़ी देवी ने ट्वीट किया है, 'नीतीश कुमार कुतर्कों के योद्धा बन गए है। कह रहे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री बनाया। इनमें लोकलाज बची ही नहीं, बताइए सबसे बड़ी पार्टी और 80 विधायकों के नेता को उपमुख्यमंत्री बना नीतीश ने कौन सा अहसान कर दिया? शुक्रगुज़ार आपको लालू जी का होना चाहिए जो आपको राजनीतिक जीवनदान प्रदान किया।'

राबड़ी देवी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि, 'जब इंसान कमजोर होता है तो ग़ुस्से से आग बबूला हो जाता है। ऐसी क्या बात है कि आजकल नीतीश कुमार जी अपना आपा खोकर संसदीय मर्यादा का त्याग करके नेता प्रतिपक्ष से तू-तड़ाक वाली आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर रहे है?'

दरअसल, राज्य में नई सरकार के गठन के बाद बिहार विधानमंडल का पहला सत्र काफी हंगामेदार रहा। आरोप-प्रत्यारोप और निजी हमलों के कारण सत्र के आखिरी दिन जमकर बहसा-बहसी हुई। नतीजन आरोप-प्रत्यारोप का दौर सदन से लेकर सड़कों तक चलता रहा। सबसे पहले तेजस्वी ने नीतीश पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'नीतीश कुमार जी अपनी चुनावी सभाओं में लालू जी के 9 बच्चों की बात करते थे। कहते थे कि बेटी पर भरोसा नहीं था, बेटा के लिए 9 बच्चे हुए। जबकि इनको पता है कि मेरे बड़े भाई भी हैं और मुझसे छोटी बहन भी है।'

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तेजस्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि, 'क्या इसी तरह नीतीश जी के लिए कहा जाए कि उनके एक ही बेटा इसलिए है क्योंकि उन्होंने दूसरा बच्चा लड़की होने के डर से पैदा नहीं किया?' तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर यह आरोप भी लगाया कि वह 1991 में हुई एक हत्या के मामले में शामिल रहे हैं। तेजस्वी ने नीतीश के ऊपर कंटेंट चोरी के मामले में लगे 25 हजार रुपये के जुर्माने का जिक्र करते हुए भी हमला बोला।

तेजस्वी के इतना बोलते ही नीतीश कुमार आपा खो बैठे। नीतीश ने कहा, जो बात ये बोल रहा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसके खिलाफ कार्रवाई होगी। ये झूठ बोल रहा है। मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है, इसीलिए मैं सुनता रहता हूं। इसके पिता को विधायक दल का नेता किसने बनाया था क्या उसको पता है? इसको उपमुख्यमंत्री किसने बनाया था इसको पता है ? इसके ऊपर आरोप लगा तो हमने कहा कि  जवाब दो, मगर जब जवाब नहीं दिया तो हम अलग हो गए। हम कुछ नहीं बोलते हैं। तेजस्वी पर चार्जशीट है। 2017 में क्यों नहीं स्थिति स्पष्ट किया था ?

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नीतीश के इस बयान के बाद बाद विधानसभा में जमकर हंगामा मच गया और स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। विधानसभा में आज नीतीश कुमार को इस तरह बौखलाया हुआ देखकर सदन में मौजूद लोग हैरान रह गए। हालांकि, तेजस्वी पर इसका तनिक असर नहीं पड़ा। उन्होंने सदन से बाहर आते ही नीतीश की दुखती रग पर हाथ रखते हुए हत्या की वही बात दुबारा छेड़ दी। उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार कोर्ट में बरी तो हो गए हैं, लेकिन उन्हें क्लीन चिट तब मिली है जब वे खुद सीएम थे।

तेजस्वी ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री रहते हुए एसपी या कोई अधिकारी मुख्यमंत्री के खिलाफ काम कर सकता है ? कोर्ट में तो वहीं मान्य होगा न, जो जांच एजेंसियां रिपोर्ट करेंगी। आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देते और फिर जांच कराते तब न मानते। आपने उस समय तो इस्तीफे की पेशकश नहीं की। मुख्यमंत्री रहते कराई गई जांच में बरी होने का क्या मतलब है।'