राफेल डील ने दिलाया बैस्टिल डे परेड का टिकट, पीएम मोदी के फ्रांस दौरे पर राहुल गांधी का तीखा हमला

शनिवार को ही भारत ने फ्रांस के साथ एक बार फिर से राफेल डील की घोषणा की है। ऐसे में पुराने राफेल डील का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है।

Updated: Jul 15, 2023, 01:19 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा पूरी हो चुकी है। अब वे यूएई पहुंच चुके हैं। फ्रांस में पीएम मोदी ने राफेल डील के साथ कई द्विपक्षीय समझौते किए। भारत सरकार ने राफेल डील को विस्तार देते हुए एक बार फिर से फ्रांस के साथ नए डील किए हैं। इसे लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सीधा हमला किया है।

राहुल गांधी ने शनिवार को पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि राफेल डील के कारण उन्हें बैस्टिल डे परेड का मुख्य अतिथि बनने का मौका मिला। कांग्रेस नेता ने यूरोपीय संसद में भारत के आंतरिक मुद्दे पर चर्चा के बावजूद मणिपुर में हुई हिंसा पर पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'मणिपुर जल रहा है। यूरोपीय संसद भारत के आंतरिक मामले पर चर्चा कर रही है। प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा है। इस बीच, राफेल ने उन्हें बैस्टिल डे परेड का टिकट दिला दिया।'

शनिवार को ही भारत सरकार ने भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस से 26 नेवल राफेल फाइटर जेट खरीदने के फैसले की जानकारी दी है। इसके तहत भारतीय नेवी को फ्रांस की दसॉ एविएशन से 26 नए एडवांस राफेल फाइटर जेट हासिल होंगे। हालांकि, राफेल डील एक बार फिर विवादों में आ गई है। बता दें कि इससे पहले राफेट फाइटर जेट को लेकर हुई डील में अरबों रुपए के घोटाले के आरोप लगे थे।

अब कांग्रेस सीधा आरोप लगा रही है कि पीएम मोदी को बैस्टिल डे परेड का मुख्य अतिथि सिर्फ इसलिए बनाया गया ताकि राफेल डील हो सके। बता दें कि पीएम मोदी फ्रांस के बैस्टिल डे परेड का मुख्य अतिथि बनने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी से पहले साल 2009 में मनमोहन सिंह भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने थे, जिन्हें बैस्टिल डे के मुख्य अतिथि बनने के लिए न्योता मिला था। 

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम पर चुप रहने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने यूरोपीय यूनियन में इस मुद्दे पर हुई चर्चा का भी जिक्र किया। बता दें कि, यूरोपीय संघ की संसद ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा को लेकर भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया कि अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति असहिष्णुता के चलते मणिपुर के हालात पैदा हुए हैं।