चीन विवाद पर बोले राहुल गांधी, हमारे जवानों के बलिदान का अपमान कर रही सरकार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में कहा, हम अपनी एक इंच जमीन किसी को नहीं लेने देंगे, कांग्रेस बोली, जब सरकार के स्वभाव में है धोखा तो कैसे करें भरोसा

Updated: Feb 11, 2021, 12:21 PM IST

Photo Courtesy : BBC
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन और वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति को लेकर एक बार फिर से मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने पूछा है कि केंद्र सरकार हमारे जवानों के बलिदानों का अपमान क्यों कर रही है। उन्होंने सरकार पर देश की जमीन को चीन के कब्जे में जाने देने का आरोप लगाया है। राहुल की यह प्रतिक्रिया राज्यसभा में रक्षामंत्री के बयान के बाद आया है।

राहुल ने ट्वीट किया, 'जब तक विवाद से पहले वाली स्थिति बहाल नहीं होती, अमन-चैन बहाल नहीं हो सकता। केंद्र सरकार हमारे बहादुर जवानों के बलिदान का अपमान क्यों कर रही है और अपने इलाके गंवाने के लिए क्यों तैयार है?' 

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत अपनी एक इंच जमीन भी किसी को लेने नहीं देगा और इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है। इसपर भी कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकॉउंट से एक मीम साझा कर कहा है कि मोदी जी सिर्फ बातों के उस्ताद हैं। 

इस मीम के माध्यम से कांग्रेस ने मोदी के पुराने बयानों और उसके बाद कि परिस्थितियों की याद दिलाई है। इसमें चीन को लेकर उनके बयान का यह हिस्सा लिखा है कि 'न कोई घुसा है, ना कोई पोस्ट उनके कब्जे में है।' वहीं किसान आंदोलन से जुड़ा यह बयान भी इसमें शामिल किया गया है कि 'MSP था, MSP है और MSP रहेगा।' कांग्रेस ने इन बयानों का जिक्र करते हुए लिखा, 'बातों पर कैसे हो भरोसा जब स्वभाव में हो धोखा।' 

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बुधवार को चीनी मीडिया ने चीन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया था कि भारत और चीन की सेनाएं पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तर सिरे से पीछे हट रही हैं। दोनों देशों के बीच सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर नौंवे दौर के बातचीत के दौरान सहमति बन गई है। चीन के इस बयान के बाद आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राज्यसभा में इस बात की पुष्टि की।

राजनाथ सिंह ने कहा कि, 'भारत ने चीन को बताया कि वह तीन सिद्धांतों के आधार पर इस समस्या का समाधान चाहता है। पहला, दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को माना जाए और उसका सम्मान किया जाए। दूसरा, किसी भी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास नहीं किया जाए। तीसरा, सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए।' उन्होंने सदन के माध्यम से देश को आश्वस्त किया कि चीन के साथ इस बातचीत में भारत कुछ भी खोया नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि अभी एलएसी पर तैनाती और निगरानी के बारे में कुछ मुद्दे बचे हुए हैं।