Rajasthan Trust Vote: अशोक गहलोत सरकार ने जीता विश्वास मत
Rajasthan Assembly Session: विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि देश में लोकतंत्र खतरे में, केवल 2 लोग कर रहे हैं राज

जयपुर। शुक्रवार से आरम्भ हुए राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में अशोक गहलोत सरकार ने अपना विश्वास मत जीत लिया है। इसके बाद सदन की कार्यवाही 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई है।गहलोत सरकार ने विश्वास मत ध्वनि मत से जीता। विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'भाजपा और उनके हाईकमान ने सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन राजस्थान में सियासी घटनाक्रम का जिस तरह अंत हुआ है उससे अमित शाह को धक्का लगा।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि 'मैं 69 साल का हो गया, 50 साल से राजनीति में हूं, मैं आज चिंतित हूं. लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं। राजस्थान का मुखिया होने के नाते यह दायित्व था। भैरोंसिंह शेखावत सरकार को गिराने का षणयंत्र हुआ था। मैं उस समय पीसीसी चीफ था, मैं पीएम और राज्यपाल के पास गया, मैंने षड्यंत्र में शामिल होने से इनकार किया, चुनी हुई सरकार को गिराने से इनकार किया।
राजस्थान में फोन टैपिंग की परम्परा नहीं
विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में फोन टैपिंग की परम्परा नहीं रही। आपकी पार्टी और आपके हाईकमान का सरकार गिराने का षड्यंत्र था। पूरे देश में नंगा नाच चल रहा है। देश में लोकतंत्र खतरे में, केवल 2 लोग राज कर रहे हैं।
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 14, 2020
राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाब कटारिया जी ने मान ही लिया की उनके पास केवल 75 विधायक ही हैं। कांग्रेस के पास स्पष्ट 123 विधायकों का समर्थन साफ़ हुआ।
अपने उपनेता राजेंद्र राठौड़ का कल का अविश्वास का दावा खुद ही ख़ारिज किया।
षड्यंत्र फ़ेल, राजस्थान जीता।
सत्यमेव जयते!
विश्वासमत एक नई रोशनी लेकर आया
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज प्रजातंत्र के कई कोनों में व्याप्त अंधकार के लिए राजस्थान का विश्वासमत एक नई रोशनी लेकर आया है। आज राजस्थान के 8 करोड़ नागरिकों के विकास की असीम संभावनाओं का विश्वास नफ़रत, नकारात्मकता और निराशा को परास्त कर जीत गया है। देश भर में बहुमत का चीरहरण करने वाली मोदी सरकार व भाजपा ये जान ले की राजस्थान ने कभी हार नहीं मानी है, राजस्थान कभी हारा नहीं है। हम गोरे अंग्रेजों से लड़े तो आख़री साँस तक आज के काले अंग्रेजों से लड़ भी सविंधान व प्रजातंत्र की रक्षा करेंगे। यही विश्वासमत की जीत का सबक है। राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने मान ही लिया कि उनके पास केवल 75 विधायक ही हैं। कांग्रेस के पास स्पष्ट 123 विधायकों का समर्थन साफ हुआ। षड्यंत्र फेल हुआ राजस्थान जीता।
राजस्थान में न तो किसी शाह की चली, न तानाशाह की
इससे पहले सदन में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा था।सरकार द्वारा विश्वास मत रखे जाने की खबर के बाद बीजेपी ने तय किया कि वह अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी। सत्र शुरू होने के पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया कि राजस्थान की जनता, कांग्रेस विधायकों की एकजुटता और सत्य की जीत होगी।
शुक्रवार को ज्यों ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई स्पीकर सीपी जोशी ने सत्र का ब्यौरा पेश किया गया है। इसके बाद देश के लिए शहीद हुए जवानों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया और कार्यवाही 2 घंटे के लिए स्थगित सज दी गई। सदन का कामकाज दोपहर 1 बजे फिर शुरू हुआ तब संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा।
As the Legislative Assembly session begins today, It would be the victory of the people of #Rajasthan and the unity of our Congress MLAs, it would be a victory of truth: Satyamev Jayate.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 14, 2020
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अकबर को महाराणा प्रताप ने नाकों चने चबवा दिए थे। इसी तरह जब भाजपा सभी जगह सरकारें गिराकर राजस्थान पहुंची तो वीर सपूतों ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में छठी का दूध याद दिला दिया। भाजपा ये कहती है कि कांग्रेस ने विधायकों की बाड़ेबंदी की, अगर ये बाड़ेबंदी है तो आपने जो विधायक गुजरात भेजे थे, वे क्या रासलीला रचाने के लिए भेजे थे? महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने आधी रात को राष्ट्रपति को जगा दिया। जिस दिन फडणवीस की सरकार गिरी, उस दिन मोटा भाई और छोटा भाई को इस्तीफा दे देना चाहिए था। राजस्थान में न तो किसी शाह की चली, न तानाशाह की।
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सदन में केंद्रीय मंत्री अमित शाह का नाम लेने पर आपत्ति जताई। विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस जारी है।