Rajasthan: नहीं माने पायलट कांग्रेस ने सभी पदों से हटाया

Rajasthan Political Crisis: सचिन पायलट विधायक दल की दूसरी बैठक में भी नहीं आए, समर्थक मंत्री भी हटाए गए

Publish: Jul 15, 2020, 12:29 AM IST

राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन को मनाने की तमाम कोशिशें नाकाम हुई हैं। कांग्रेस ने सचिन पायलट के बागी तेवरों को देखते हुए उन्‍हें उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उनके समर्थक मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा से भी मंत्री पद ले लिया गया है।अब सचिन पायलट की जगह गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। कांग्रेस ने विधायक गणेश गोगरा को प्रांत युवा कांग्रेस और हेम सिंह शेखावत को प्रदेश सेवा दल का अध्यक्ष बनाया है।

राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापठक के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस विधायक दल की दूसरी बैठक से भी किनारा कर लिया। हालांकि, पायलट पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले कल खबर थी कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद पायलट नरम पड़े। पायलट और पार्टी के बीच संवाद का सीधा चैनल भी खुला था। जिसके बाद पायलट ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने अपनी कुछ मांगे रखी थीं। बताया जा रहा है कि पायलट की मांगों को ज्यादा तरजीह ना मिलने के बाद उन्होंने फिर से बगावती रुख अपना लिया।

पायलट ने मांग की थी उनके नजदीकी चार विधायकों को राजस्थान सरकार में मंत्री बनाया जाए और गृह एवं वित्त जैसे मजबूत विभाग पायलट कैंप को मिलें। इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पर बने रहने की भी मांग की। इन मांगों को ज्यादा तरजीह नहीं मिली तब पायलट टीम की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें करीब 14 विधायक हरियाणा के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस वीडियो में सचिन पायलट नहीं दिखे। बताया यह भी जा रहा है कि पायलट ने इन विधायकों से इस्तीफा देने के लिए कहा है।

इससे पहले 13 जुलाई को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 100 से अधिक विधायक पहुंचे थे। मीटिंग के बाद इन विधायकों को इकट्ठा करके गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन किया था। वहीं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पायलट जयपुर आकर गिले शिकवे दूर कर लें। मीटिंग शुरू होने से पहले जयपुर कांग्रेस दफ्तर से पायलट का पोस्टर हटा दिया गया था। हालांकि, बाद में उसे फिर से लगा दिया गया।

बताया जा रहा है कि बीजेपी में जाने पर भी पायलट को ज्यादा से ज्यादा उपमुख्यमंत्री का पद ही दिया जा सकता है, जो उनके पास कांग्रेस में भी है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि पायलट का अगला कदम क्या होगा और पार्टी उनके ऊपर क्या कार्रवाई करेगी।

यह है दलीय स्थिति 

राजस्थान की 200 सीट वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए। कांग्रेस के 107 विधायक हैं। सरकार को 13 में से 10 निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकदल के विधायक का भी समर्थन है। लिहाजा गहलोत के पास 118 विधायकों का समर्थन है। पायलट समर्थकों के जाने के बाद भी गहलोत का दावा है कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है। उधर, भाजपा के 72 विधायक हैं। बहुमत जुटाने के लिए कम से कम 29 विधायक चाहिए।