कांग्रेस ने राज्यसभा में उठाया पेट्रोल-डीजल की महंगाई का मुद्दा, हंगामे के बीच कार्यवाही स्थगित

कांग्रेस ने आज राज्यसभा में की पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महंगाई पर चर्चा की मांग, स्थगन प्रस्ताव भी दिया, खड़गे ने कहा, आम जनता महंगाई से बेहाल, सदन में महिला आरक्षण का मुद्दा भी उठा

Updated: Mar 08, 2021, 08:13 AM IST

Photo courtesy: Rajya Sabha
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नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत आज काफ़ी हंगामेदार रही। राज्यसभा में कांग्रेस ने पेट्रोल-डीज़ल के आसमान छूते दामों पर चर्चा की माँग की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में बाक़ी कार्यवाही रोककर पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती क़ीमतों पर चर्चा की माँग की। इस मुद्दे पर हुए हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 1 बजे तक के लिए और फिर मंगलवार तक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस ने राज्यसभा में इस मसले पर स्थगन प्रस्ताव भी दिया है।

आज राज्यसभा की कार्यवाही की शुरुआत होते ही कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के दामों पर चर्चा की मांग जोरशोर से उठाई। कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और मनीष तिवारी ने इस मसले पर स्थगन प्रस्ताव भी दिया। पेट्रोल और डीजल के दामों के विरोध में विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही पहले 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी। 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर से डीजल और पेट्रोल की कीमतों का मुद्दा उठाया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर हम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कुछ और दिनों तक रुके रहेंगे, तो जनता की हालत क्या होगी। इस मुद्दे पर आज ही चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को एक बार फिर जोरशोर से उठाना शुरू किया, जिसके बाद सदन को दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन दोपहर में एक बार फिर से सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक स्थगित कर दिया गया। 

आज संसद की कार्यवाही के दौरान कुछ महिला सांसदों ने महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की मांग की। कई महिला सांसदों ने इसका समर्थन किया। सदन की कार्यवाही में सबसे पहले महिलाओं को बोलने का मौका दिया गया। बीजेपी सांसद सरोज पांडे ने कहा कि मोदी राज में महिलाएं सशक्त हुई हैं। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महिलाओं के लिए पचास फीसदी आरक्षण की मांग की। कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेता स्वर्गीय राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए महिलाओं के हक़ में काफ़ी काम हुआ।