चीफ जस्टिस बोबड़े ने कहा, रेप के आरोपी को पीड़िता से शादी के लिए नहीं कहा, गलत रिपोर्टिंग की गई

नाबालिग से बलात्कार के आरोपी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई कथित टिप्पणी की हो रही थी आलोचना, सीजेआई ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने वो बात कही ही नहीं, जिस पर हुआ विवाद

Updated: Mar 08, 2021, 11:44 AM IST

Photo Courtesy : Latest Laws
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नई दिल्ली। चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एस ए बोबड़े ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपी को पीड़ित लड़की से शादी करने को नहीं कहा। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में कोर्ट की कार्यवाही की ग़लत रिपोर्टिंग की गई है। चीफ जस्टिस बोबड़े ने आज कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा से महिलाओं का सम्मान करता रहा है। सीजेआई ने ये बातें 14 साल की एक रेप पीड़िता की तरफ़ से गर्भपात की इजाज़त देने के लिए की गई अपील पर सुनवाई के दौरान कही।

चीफ़ जस्टिस ने कहा कि एक संस्थान के तौर पर देश की सर्वोच्च अदालत महिलाओं का सम्मान करती है। जस्टिस बोबड़े ने कहा, इस कोर्ट ने हमेशा महिलाओं को बहुत सम्मान दिया है। हमने कभी किसी आरोपी को पीड़िता से शादी करने को नहीं कहा। हमने कहा था, 'क्या तुम उससे शादी करने जा रहे हो? इस मामले में हमने जो कहा था, उसकी पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई थी।'

चीफ जस्टिस बोबडे ने जिस मामले में कोर्ट की टिप्पणियों की ग़लत रिपोर्टिंग किए जाने की बात कही है, वह महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिक प्रोडक्शन कंपनी (एमएसइपीसी) के कर्मचारी मोहित सुभाष चव्हाण की जमानत याचिका पर सुनवाई से जुड़ा है। मोहित पर 14 साल की एक स्कूली छात्रा के साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है। फिलहाल अदालत ने आरोपी को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम राहत दे दी है।

इसी ज़मानत याचिका की सुनवाई से जुड़ी ख़बरों में बताया गया था कि चीफ़ जस्टिस बोबडे़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने रेप के एक आरोपी से पूछा था कि अगर वह पीड़िता से शादी करना चाहता है, तो कोर्ट उसकी मदद कर सकता है। अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसकी नौकरी चली जाएगी और उसे जेल जाना पड़ेगा। लेकिन चीफ़ जस्टिस ने साफ़ कर दिया है कि उनके बयान को ग़लत ढंग से लिया गया है।