हनुमान बेनीवाल ने NDA से तोड़ा नाता, कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी से अलग हुई RLP

हनुमान बेनीवाल का संगीन आरोप, मेरी रिपोर्ट में छेड़छाड़ कर कोरोना पॉजिटिव किया गया ताकि मैं संसद सत्र में हिस्सा लेकर कृषि कानूनों का विरोध न कर सकूं

Updated: Dec 27, 2020, 12:43 AM IST

नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक हुनमान बेनीवाल ने आखिरकार एनडीए से अपना नाता तोड़ ही लिया। राजस्थान के नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी से अपनी राहें अलग कर ली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर शाहजहांपुर में एनडीए से अलग होने की घोषणा की है। यहां पर प्रदर्शनकारी पिछले 14 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मैं आज किसानों के समर्थन में एनडीए से अपना नाता तोड़ रहा हूँ। हनुमान बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान उनकी कोरोना रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई थी। बेनीवाल ने कहा कि जानबूझकर उनको कोरोना पॉजिटिव बताया गया ताकि वे संसद के सत्र में हिस्सा न ले सकें। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अगर मैं उस दौरान संसद में रहता तो इन काले कानूनों को पारित नहीं होने देता। हनुमान बेनीवाल की पार्टी  एनडीए से अपनी राहें जुदा करने वाला दूसरा दल है। इससे पहले अकाली दल भी कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी का साथ छोड़ चुकी है।  

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हालांकि बीजेपी से नाता तोड़ने का फैसला हनुमान बेनीवाल ने अचानक नहीं लिया है।  हनुमान बेनीवाल अमित शाह को पत्र लिख चुके थे। और इसके साथ ही 19 दिसंबर को उन्होंने संसद की स्थाई समितियों से भी इस्तीफा दिया था।अपने त्यागपत्र में उन्होंने लिखा था कि जनहित से जुड़े मुद्दों से संसद की समितियों को लगातार अवगत कराने के बावजूद समितियों की ओर से कोई उन पर कोई कदम नहीं उठाया गया। लिहाज़ा वे तीनों स्थाई समितियों से इस्तीफा दे रहे हैं। हनुमान बेनीवाल संसद की उद्योग मामलों, याचिका तथा पेट्रोलियम मामलों की स्थाई समितियों के सदस्य थे। 

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हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर किसानों की समस्या सुनने और उसे सुलझाने के लिए पत्र लिखा था। अमित शाह को लिखे पत्र में हनुमान बेनीवाल ने कहा भी था कि अगर सरकार किसानों के हित में कोई फैसला नहीं लेती है तो वे जल्द ही एनडीए में जुड़े रहने या न रहने पर कोई फैसला ले सकते हैं।  

बीजेपी नेता हरिंदर सिंह खालसा ने दिया इस्तीफा, कहा किसानों और उनके बच्चे-पत्नियों के साथ असंवेदशीलता बरत रही है बीजेपी 

पूर्व लोकसभा सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया  है। खालसा ने कहा कि  कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की पीड़ा और उनकी पत्नियों और बच्चों के प्रति बीजेपी नेताओं और सरकार की असंवेदनशीलता के कारण वे पार्टी से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। हरिंदर सिंह खालसा ने 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। फतेहगढ़ साहिब से वे लोकसभा पहुंचे थे। लेकिन बाद में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनबन के बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी भी छोड़ दी है।