SC: दिल्ली में रेलवे ट्रैक के पास बनी 48 हजार झुग्गियों को हटाने का आदेश

Delhi Slums: शीर्ष न्यायालय ने तीन महीने का दिया समय, कहा - किसी का दखल मंजूर नहीं, किसी अदालत का अंतरिम आदेश भी नहीं होगा प्रभावी

Updated: Sep 04, 2020, 04:33 AM IST

Photo Courtsey : News Track
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में रेलवे ट्रैक के आसपास बनी लगभग 48 हजार झुग्गियों को 3 महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी कोर्ट झुग्गियां हटाने के फैसले पर स्टे या दखल नहीं देगी और न ही इसमें किसी भी तरह का राजनैतिक व अन्य कोई हस्तक्षेप होगा। कोर्ट ने यह भी कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण के संबंध में यदि कोई अदालत अंतरिम आदेश पारित करती है तो यह प्रभावी नहीं होगा। 

जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की खण्डपीठ ने 31 अगस्त को पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) द्वारा निर्देशित रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि तीन महीने के भीतर क्षेत्र से कचरे और अतिक्रमणों को हटाने के लिए करवाई की जानी चाहिए। इस संबंध में चरणबद्ध तरीके से झुग्गी-झोपड़ियों को हटाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमणों को हटाने से संबंधित किसी भी तरह का स्टे देने पर रोक लगा दी है। शीर्ष न्यायालय ने साफ कर दिया कि अगर रेलवे ट्रैक के आसपास से अतिक्रमण हटाने से संबंधित कोई अंतरिम आदेश दिया जाता है तो वह प्रभावी नहीं होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने रेलवे ट्रैक के आसपास कचरा हटाने का भी आदेश दिया है। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में इन रेलवे ट्रैक की लंबाई तकरीबन 140 किलोमीटर है जहां अवैध अतिक्रमण कर लंबे समय से झुग्गियां लगी हुई है।

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मामले पर रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि, 'दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेलवे ट्रैक के साथ झुग्गीवासियों का अतिक्रमण है जिसमें 70 किलोमीटर क्षेत्र में अतिक्रमण बहुत ही ज्यादा है। इसमें काफी अतिक्रमण तो ऐसे हैं जो कि रेलवे के सुरक्षा जोन में हैं।' बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अक्टूबर 2018 में आदेश जारी कर इन बस्तियों को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। हालांकि राजनीतिक दखलंदाजी के वजह से टास्क फोर्स ने अतिक्रमण हटाने में नाकाम रहा।