दिल्ली बॉर्डर पर लगी कीलें हटाने का वीडियो वायरल, लोगों ने कहा दबाव में आई सरकार

सोशल मीडिया यूजर्स का दावा, सरकार ने दबाव में दिया कीलें हटाने का आदेश, पुलिस ने कहा, कीलें हटाई नहीं जा रहीं, उनकी जगह बदली जा रही है

Updated: Feb 04, 2021, 11:43 AM IST

Photo Courtesy : Twitter
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गाजीपुर। किसान आंदोलन को लेकर केंद्र बने दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर हलचलें तेज हो गईं हैं। बॉर्डर पर किसानों के धरने वाली जगह के पास पुलिस की लगवाई कीलें हटाने का वीडियो वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर कीलें हटाने के वीडियो और फ़ोटो को शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय दबाव की वजह से अब सरकार बैकफुट पर आ गई है। यही वजह है कि हाल ही में लगाई गई कीलें अब हटाई जा रही हैं। लेकिन पुलिस का कहना है कि कीलें हटाई नहीं जा रही हैं, सिर्फ उनकी जगह बदली जा रही है।

दरअसल, आज सुबह दिल्ली पुलिस कीलों को निकलवाती हुई नजर आई। नुकीली कीलें निकालते कामगारों के वीडियो जमकर शेयर किए गए। लोगों को पहले तो समझ नहीं आया कि कीलें कौन और क्यों हटवा रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने तो पहले यहां तक कह दिया कि किसान ही कीलें निकाल रहे हैं। फिर यह बात सामने आई कि दरअसल इन्हें पुलिस-प्रशासन ही निकलवा रहा है। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कीलें हटवाने के फैसले को किसानों की जीत और केंद्र सरकार के बैकफुट पर आने का संकेत भी बताना शुरू कर दिया।  

 

जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने इन तस्वीरों को साझा कर लिखा, 'पूरी दुनिया मे बुरी तरह भद पिटाने के बाद सरकार ने कीलें हटानी शुरू की, इसे कहते है बक्कल निकालना !!' 

सोशल मीडिया यूजर प्रदीप ने तो कीलें उखाड़ने के पहल को भ्रष्टाचार करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, 'गाजीपुर बॉर्डर पर लगाई गयी कीलों को अब हटाने लग रही है पुलिस पता नहीं क्यों...?? समझ में नहीं आ रहा है क्यों पहले ये लगाई गयी थीं और अब क्यों हटाया जा रहा है..?? भ्रष्टाचार ऐसे ही होता है...! अब ये मत पूछना यहाँ पर इस शब्द का क्या मतलब है..??' 

टीवी चैनलों पर भी ऐसी खबरें दिखाए जाने के दिल्ली पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि कीलों को हटाए जाने की बात गलत है। पुलिस ने कहा, 'ऐसी वीडियो और तस्वीरें प्रसारित हो रही हैं जिसमें यह दिखाया जा रहा है कि गाज़ीपुर बॉर्डर से कीलें हटाई जा रही हैं। कीलों की जगह बदली जा रही है। बॉर्डर पर तैयारियां पहले जैसी ही हैं।

26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के बाद से ही सरकार ने दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बैरीकेडिंग काफी बढ़ा दी है। किसानों के धरने वाली जगह के दोनों ओर सड़कों पर कीलें, सरिया और कंटीले तार लगवाए गए हैं। कई जगहों पर तो कंक्रीट की दीवारें तक बनवाई गई हैं। इन तैयारियों की देखते हुए ही लोग कहने लगे हैं कि ऐसी बाड़बंदी तो पाकिस्तान की सीमा पर भी नहीं है, जैसी किसानों के लिए की गई है।