एलोपैथी के खिलाफ बोलकर बुरे फंसे रामदेव, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- सभी बीमारी को कैसे ठीक करोगे

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रमना ने कहा- इस बात की क्या गारंटी है कि जो व्यक्ति उनका अनुसरण करेगा उसकी सभी बीमारी बाबा रामदेव ठीक कर देंगे?

Updated: Aug 23, 2022, 09:40 AM IST

नई दिल्ली। एलोपैथी के खिलाफ बयानबाजी के मामले में पतंजलि योगपीठ के संस्थापक रामदेव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। सर्वोच्च अदालत ने पूछा है कि इसकी क्या गारंटी है कि रामदेव सभी बीमारियों को ठीक कर देंगे? इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी एलोपैथी के खिलाफ बोलकर लोगों को गुमराह नहीं करने की नसीहत दी थी।

मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजली आयुर्वेद और केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने एलोपैथी को बदनाम करते हुए विज्ञापन दिखाने पर सफाई मांगी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने सुनवाई के दौरा कहा, 'रामदेव अपने सिस्टम को लोकप्रिय बना सकते हैं, लेकिन अन्य की आलोचना क्यों करना। वे योग को लोकप्रिया बनाएं। लेकिन उन्हें अन्य व्यवस्थाओं के बारे में गलत कहने से बचना चाहिए।'

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सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने सवाल किया कि इस बात की क्या गारंटी है कि जिसका रामदेव पालन करते हैं, वह सभी बीमारियों को ठीक कर देगा। इस मामले की सुनवाई में शामिल एक अन्य जज जस्टिस सीटी रविकुमार ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे एलोपैथी का मजाक उड़ाया जा रहा है। 

बता दें कि कोरोना काल में बाबा रामदेव ने कोरोनिल नाम से एक दवा लॉन्च कर दावा किया था कि इसके सेवन से कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो जाता है। इससे साथ ही उन्होंने कोरोनिल का बिक्री बढ़ाने के लिए एलोपैथ चिकित्सा प्रणाली और स्वास्थ्य संगठनों द्वारा प्रमाणित वैक्सीन की आलोचना की थी। उन्होंने वैक्सीन को लेकर लोगों को गुमराह करने का खूब प्रयास किया था।

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रामदेव ने कहा था कि वैक्सीन लगने के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को कोरोना वायरस हो गया, ये चिकित्या विज्ञान की असफलता है। इसपर दिल्ली हाई कोर्ट से भी बाबा रामदेव को फटकार लगी थी। कोर्ट ने कहा था कि वो एलोपैथी के खिलाफ बयान देकर लोगों को गुमराह न करें।