ED-CBI के दुरुपयोग का मामला, सुप्रीम कोर्ट से 14 विपक्षी दलों की याचिका खारिज

कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर CBI और ED के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाया था। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इसका इलाज राजनीति में ही है, कोर्ट में नहीं।

Updated: Apr 05, 2023, 06:27 PM IST

नई दिल्ली। CBI और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर 14 विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार कर दिया है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आपकी याचिका से ये लग रहा है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। जब आप ये कहते हैं विपक्ष का महत्व कम हो रहा है तो इसका इलाज राजनीति में ही है, कोर्ट में नहीं।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि आपकी याचिका से ये लग रहा है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन बहस में आप कह रहे हैं कि नेताओं को गिरफ्तारी से बचाया जाए। ये कोई हत्या या सेक्सुअल असाल्ट का केस नहीं है। हम इस तरह आदेश कैसे जारी कर सकते हैं। विपक्षी दलों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम वैसा नहीं कह रहे हैं। हम चल रही जांच में दखल देने के लिए नहीं आए हैं। हम गाइडलाइन चाहते हैं।

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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, 'हम 14 पार्टियां मिलकर पिछले राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के विधानसभा चुनावों में डाले गए 45.19 फीसदी वोटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2019 के आम चुनावों में डाले गए वोटों का 42.5 फीसदी था और हम 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सत्ता पर काबिज हैं। साल 2013-14 से 2021-22 तक CBI और ED के मामलों में 600 फीसदी की वृद्धि हुई है। ED ने 121 नेताओं की जांच की, जिनमें से 95 फीसदी विपक्षी दलों से हैं। वहीं CBI ने 124 नेताओं की जांच की, जिसमें से 95% से अधिक विपक्षी दलों से हैं।

इसपर सीजेआई ने कहा कि राजनेताओं के लिए अलग से गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकती। नेताओं के भी आम नागरिकों जैसे अधिकार हैं। हम ये कैसे आदेश जारी कर सकते हैं कि जांच के बिना गिरफ्तारी ना करें। CRPC में पहले ही प्रावधान है।।आप गाइडलाइन मांग रहे हैं, लेकिन ये सभी नागरिकों के लिए होगा। राजनीतिक नेताओं को कोई विशेष अधिकार नहीं है। क्या हम सामान्य केस में ये कह सकते है कि अगर जांच से भागने/दूसरी शर्तों के हनन की आशंका न हो तो किसी शख्स की गिरफ्तारी न हो। अगर हम दूसरे मामलों में ऐसा नहीं कह सकते तो फिर राजनेताओं के केस में कैसे कह सकते है।

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CJI ने आगे कहा कि आप ऐसे केसे में हमारे पास आ सकते हैं, जहां एजेंसियों ने कानून का पालन नहीं किया है। हम इस याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। आप चाहें तो याचिका वापस ले सकते हैं। हमारे लिए इस तरह गाइडलाइन जारी करना संभव नहीं है। अदालत के लिए ये मुश्किल है। विपक्षी दलों ने कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद अपनी याचिका वापस ले ली। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले विपक्षी दलों में कांग्रेस के अलावा टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, बीआरएस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव गुट), झामुमो, जदयू, सीपीआई, सीपीआई एम, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नाम शामिल थे।