हमें सख्त फैसले लेने पर मजबूर न करें, दिल्ली को कम ऑक्सीजन देने को लेकर SC ने केंद्र को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दिल्ली में आज फिर तय कोटे से कम हुआ ऑक्सीजन सप्लाई, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई लताड़

Updated: May 07, 2021, 08:37 AM IST

Photo Courtesy: ABP
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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन संकट बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आज फिर केंद्र सरकार ने दिल्ली को तय कोटे से कम ऑक्सीजन मुहैया कराई है। इसी बीच सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को कड़ा फटकार लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन को लेकर सुनवाई के दौरान केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें सख्त फैसले लेने पर मजबूर न करें।

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, 'हमें किसी भी प्रकार का सख्त फैसला लेने के लिए मजबूर न करें। केंद्र सरकार अपने अधिकारियों को आदेश दे कि वे हर दिन राजधानी दिल्ली में 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करें। यह सिर्फ एक दिन के लिए नहीं है।' 

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इसके पहले कल ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, 'यदि कुछ भी छिपाने जैसा नहीं है तो फिर केंद्र सरकार को आगे आकर देशवासियों को यह बताना चाहिए कि किस तरह से उनकी की ओर से ऑक्सीजन का आवंटन किया जा रहा है।' दरअसल, दिल्ली में कई दिनों से ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो जाने की वजह से कई दर्जन कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हो चुकी है।

इसी वजह से कई प्राइवेट अस्पतालों ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने केंद्र को लताड़ते हुए दिल्ली सरकार को पर्याप्त ऑक्सीजन देने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची लेकिन वहां भी केंद्र को राहत नहीं मिली। सर्वोच्च न्यायालय ने भी वही बात दोहराया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया था कि दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन किसी भी सूरत में दिया जाए। 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई तब तक जारी रखनी होगी, जब तक कि आदेश की समीक्षा नहीं की जाती है या कोई बदलाव नहीं होता। बता दें कि दिल्ली सरकार ने कहा है कि यदि हमें 700 एमटी ऑक्सीजन प्रतिदिन दी जाएगी तो हम राजधानी में एक भी व्यक्ति को ऑक्सीजन की कमी से नहीं मरने देंगे। इतना ही नहीं पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने की स्थिति में दिल्ली सरकार ने 9000 से 9500 बेड व्यवस्था करने की बात कही है।