राज्यसभा चुनाव के लिए आज सुशील मोदी का नामांकन, महागठबंधन नहीं ले पाया अबतक कोई फैसला

राम विलास पासवान के निधन से ख़ाली हुई राज्यसभा की सीट पर उनकी पत्नी रीना पासवान को बिना शर्त समर्थन देने का आरजेडी का प्रस्ताव ठुकरा चुकी है एलजेपी

Updated: Dec 02, 2020, 06:14 PM IST

Photo Courtesy: Hindustan
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पटना। रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की राज्यसभा सीट पर एनडीए प्रत्याशी सुशील कुमार मोदी आज नामांकन दाखिल कर रहे हैं। राज्यसभा उपचुनाव में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम की जीत तय मानी जा रही है। ये भी हो सकता है कि सुशील मोदी यह चुनाव निर्विरोध जीत जाएं, क्योंकि आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन की तरफ से अब तक किसी उम्मीदवार का नाम तय नहीं हो सका है। गुरुवार 3 दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है।

बताया जा रहा है कि सुशील मोदी बतौर एनडीए प्रत्याशी आज दोपहर एक बजे अपना नामांकन पटना कमिश्नर के कार्यालय में दाखिल करेंगे। इस नामांकन प्रक्रिया के दौरान एनडीए गठबंधन के सभी दलों के बड़े चेहरे मौजूद रहेंगें, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी के साथ ही हम के अध्य्क्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित वीआईपी के अध्यक्ष व मंत्री मुकेश सहनी शामिल हैं।

इस सीट पर 14 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए तीन दिसंबर तक नामांकन का पर्चा दाखिल किया जायेगा। लेकिन महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने का फैसला अब तक नहीं हो पाया है। महागठबंधन में सबकी नजर सबसे बड़े दल राजद की ओर है, पर राजद की मंशा एक सीट पर होने वाले चुनाव में शामिल नहीं होने की है। मोदी के अलावा यदि किसी और दल के उम्मीदवार या निर्दलीय का नामांकन नहीं हुआ तो सात दिसंबर को नाम वापसी के दिन चुनाव आयोग एकमात्र उम्मीदवार के नाते जीत का प्रमाणपत्र जारी कर देगा।

आरजेडी ने रामविलास पासवान की पत्नी को समर्थन देने का प्रस्ताव रखा था

बता दें कि रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर एलजेपी पहले उनकी पत्नी और चिराग पासवान की मां रीना पासवान को चुनाव लड़ाना चाहती थी। आरजेडी ने भी उन्हें बिना शर्त समर्थन का एलान कर दिया था। लेकिन बीजेपी रीना पासवान का समर्थन करने के लिए तैयार नहीं हुई। इसके बाद चिराग पासवान ने चुनाव में एलजेपी की तरफ से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करने का फैसला किया। एलजेपी ने आरजेडी की तरफ से बिना शर्त दिए जाने पर धन्यवाद देते हुए साफ कर दिया कि वे इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे।

इसके बाद महागठबंधन से किसी दलित उम्मीदवार को उतारने की चर्चा चली, जिसमें श्याम रजक का नाम आगे चल रहा था। लेकिन कुल मिलाकर एनडीए के पास ज्यादा विधायक होने के चलते उनकी जीत तय ही मानी जा रही है। ऐसे में महागठबंधन की तरफ से अब तक किसी को उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला नहीं हो सका है। ध्यान रहे कि बिहार विधानसभा में इस बार कुल 40 दलित विधायक चुनकर आए हैं।