डिप्टी सीएम की कुर्सी खिसकती देख ट्विटर पर छलका सुशील मोदी का दर्द

डिप्टी सीएम के लिए तारकिशोर प्रसाद का नाम फाइनल होने की भी ख़बर, सुशील मोदी ने कहा, कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता

Updated: Nov 16, 2020, 03:06 AM IST

Photo Courtesy: YouNews
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पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के भविष्य पर एक बार फिर सस्पेंस की तलवार लटकी दिख रही है। बताया जा रहा है कि सुशील कुमार मोदी को इस बार बिहार का उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी हाई कमान ने यह फैसला ले लिया है कि सुशील मोदी की जगह किसी नए चेहरे को मौका दिया जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह दावा भी कर दिया गया है कि तारकिशोर प्रसाद का नाम फाइनल हो गया है और वे नीतीश के साथ ही उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

ट्विटर पर छलका सुशील मोदी का दर्द

उप-मुख्यमंत्री न बनाए जाने की खबरों के बीच सुशील मोदी ने ट्विटर पर अपना दर्द बयान किया है। पहले तो उन्होंने अपने प्रोफाइल से डिप्टी सीएम का पद हटा लिया। इसके साथ ही उन्होंने लिखा, "भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया कि शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा। आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा। कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।"

 

 

मोदी के इस ट्वीट पर बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के रिट्वीट ने हलचलें और बढ़ा दी है। गिरिराज सिंह ने लिखा है कि, "आदरणीय सुशील जी आप नेता हैं, उप मुख्यमंत्री का पद आपके पास था, आगे भी आप भाजपा के नेता रहेंगे, पद से कोई छोटा बड़ा नहीं होता ।"

 

 

बिहार में होंगे दो उपमुख्यमंत्री

मीडिया सूत्रों के हवाले से बिहार में इस बात की चर्चाएं तेज हो रही हैं कि बिहार में इस बार एक नहीं बल्कि दो-दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। डिप्टी सीएम पद के लिए बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी रेस में सबसे आगे हैं। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि तारकिशोर प्रसाद का नाम फाइनल हो गया है और वे नीतीश के साथ शपथ लेंगे। बता दें कि इसके पहले राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल भी खूब चर्चा में रहा है। 

हालांकि बीजेपी की तरफ से डिप्टी सीएम के पद को लेकर खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। पर्यवेक्षक बन कर पटना आए राजनाथ सिंह ने कहा है कि इसे लेकर जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा, लेकिन सुशील कुमार मोदी के भविष्य के बारे में वह कुछ नहीं बोले। सीएम नीतीश कुमार ने भी यही जवाब दिया है। बताया जा रहा है कि सुशील मोदी अब केंद्र की राजनीति में शिफ्ट होंगे और रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट से उन्हें संसद भेजा जाएगा।

सुशील मोदी को हटाने के पीछे क्या है पार्टी की रणनीति

बिहार से सुशील कुमार मोदी को हटाने के पीछे बीजेपी की एक बड़ी रणनीति मानी जा रही है। माना जाता है कि सुशील मोदी का नीतीश कुमार के साथ तालमेल इतना ज़्यादा कि वे नीतीश के खिलाफ कभी नहीं जाते। जबकि बीजेपी अब बिहार में अपना दबदबा चाहती है। इसीलिए बिहार की नई सरकार में उसे ऐसा नेता चाहिए जो नीतीश से अलग अपनी पहचान बनाए और धीरे-धीरे सरकार पर अपना दबदबा बना ले। इसके अलावा पार्टी के कई नवनिर्वाचित विधायकों की राय भी सुशील मोदी को हटाने के पक्ष में रही है। हालांकि, इस बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि नीतीश कुमार अब भी सुशील मोदी की डिप्टी सीएम बनवाने पर ज़ोर दे रहे हैं। लेकिन अब बदले समीकरण में उनकी कितनी चलेगी, ये बात किसी से छिपी नहीं है।