कर्नाटक में नई सरकार का शपथ ग्रहण, सिद्धारमैया-शिवकुमार ने ली शपथ, ये आठ विधायक बने मंत्री

कर्नाटक को आज नया सीएम और डिप्टी सीएम मिल गया है। सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं डी.के. शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

Updated: May 20, 2023, 01:20 PM IST

बेंगलुरु। सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वहीं डी.के. शिवकुमार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शपथ दिलाई है। सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा 8 अन्य विधायकों ने भी मंत्रीपद की शपथ ली।

सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण में नौ विपक्षी पार्टियों के नेता भी मौजूद हैं। इनमें महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), नीतीश कुमार (जेडीयू), तेजस्वी यादव (आरेजेडी), डी राजा और सीताराम येचुरी (लेफ्ट), एमके स्टालिन (डीएमके), शरद पवार (एनसीपी), फारुक अब्दुल्ला (नेशनल कांग्रेस), कमल हासन (मक्कल नीधि माईम) और शरद पवार (एनसीपी) शामिल हैं।

सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा जो मंत्री आज शपथ लें रहे हैं उनमें जी. परमेश्वर, के.एच. मुनियप्पा, के.जे. जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जरकिहोली, प्रियांक खड़गे, रामलीमगा रेड्डी और बी.जेड. जमीर अहमद खान के नाम शामिल हैं। 

जी परमेश्वर 

जी परमेश्वर एक दलित नेता हैं, जिन्होंने तुमकुर जिले के कोराटागेरे से जीत हासिल की है। कर्नाटक में, दलित वोट इस बार कांग्रेस के पक्ष में आ गए हैं। इसके 2018 की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक होने की गणना की गई है। 

केएच मुनियप्पा 

केएच मुनियप्पा केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने बेंगलुरु ग्रामीण की देवेनहल्ली विधानसभा सीट पर 4,631 वोटों से जीत दर्ज की है। मुनियप्पा लगभग तीन दशक तक लोकसभा सांसद रहे हैं। उन्होंने कोलार लोकसभा सीट से 1991 में जीत हासिल की थी। 2019 लोकसभा चुनावों में वो इस सीट से चुनाव हार गए। केएच मुनियप्पा राज्य में कांग्रेस के लिए एक और दलित चेहरा साबित होंगे।

केजे जॉर्ज 

केजे जॉर्ज पहले गृह, परिवहन, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, और आवास और शहरी विकास जैसे विभागों को संभाला चुके हैं। इस बार, जॉर्ज ने सर्वज्ञनगर निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के पद्मनाभ रेड्डी को 55,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया है। 

एमबी पाटिल 

एमबी पाटिल इस साल कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण लिंगायत नेता बन गए हैं। वैसे तो लिंगायत समुदाय के वोटर परंपरागत रूप से बीजेपी के लिए मतदान करते रहे हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में इस जाति समूह ने मध्य कर्नाटक और मुंबई कर्नाटक क्षेत्रों की प्रमुख सीटों पर कांग्रेस का समर्थन किया है। एमबी पाटिल पांचवीं बार बीजापुर जिले के बाबलेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।

सतीश जारकीहोली 

यमकानमाद्री से 2023 में चौथी बार चुने गए विधायक सतीश जारकीहोली वाल्मीकि समुदाय के आदिवासी नेता हैं। वह एक चीनी व्यापारी हैं और उनके भाई रमेश जारकीहोली, जो कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे, इस साल गोकक निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। 

प्रियांक खड़गे 

प्रियांक खड़गे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं। उन्होंने चित्तपुर विधानसभा सीट से 13 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। वो इस सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। खड़गे इससे पहले सिद्धारमैया सरकार और एचडी कुमारस्वामी की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

रामलिंगा रेड्डी 

रामलिंगा रेड्डी ने बीटीएम लेआउट विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार केआर श्रीधर के खिलाफ जीत हासिल की है। उनकी जीत कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस अनुभवी नेता ने 2008 में परिसीमन द्वारा सीट बनाने के बाद लगातार दो बार बीजेपी को बीटीएम लेआउट सीट पर हराया है। 2023 में अपनी जीत के साथ, वह आठवीं बार विधायक बने हैं। उनकी बेटी सौम्या रेड्डी बीजेपी द्वारा पुनर्मतगणना की मांग के बाद जयनगर निर्वाचन क्षेत्र में 16 मतों के मामूली अंतर से हार गई थीं।

बीजी जमीर अहमद खान 

बीजी जमीर अहमद खान 50 हजार के ज्यादा वोटों से चमराजपेट विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। ये चौथी बार है जब इस सीट पर लोगों ने उन्हें विधायक चुना है। खान पूर्व मंत्री रह चुके हैं और सिद्धारमैया के करीबी भी कहे जाते हैं। फिर से अपनी कैबिनेट में शामिल कर सिद्धारमैया ने खान को अल्पसंख्यक मुस्लिम चेहरा बनाया है।