आदिवासी आंदोलन: हिंसा के बाद मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं निलंबित

मणिपुर जल रहा है। भाजपा ने समुदायों के बीच दरार पैदा कर दी है और एक सुंदर राज्य की शांति को नष्ट कर दिया है: मल्लिकार्जुन खड़गे

Updated: May 04, 2023, 11:56 AM IST

इंफाल। मणिपुर के इंफाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में बुधवार रात आदिवासियों के मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई। हिंसा के बाद 8 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया। साथ ही 5 दिनों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। राज्य में हिंसा के लिए कांग्रेस भाजपा की एन बिरेन सिंह सरकार को दोषी ठहराया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, "मणिपुर जल रहा है। भाजपा ने समुदायों के बीच दरार पैदा कर दी है और एक सुंदर राज्य की शांति को नष्ट कर दिया है। इस गड़बड़ी के लिए बीजेपी की नफरत, बंटवारे की राजनीति और सत्ता का लालच जिम्मेदार है। हम सभी पक्षों के लोगों से संयम बरतने और शांति को एक मौका देने की अपील करते हैं।"

भाजपा शासित मणिपुर के हालात बीते कुछ दिनों से ठीक नहीं है। भाजपा विधायकों के लगातार इस्तीफे से सियासी भंवर में फंसे एन बीरेन सिंह सरकार के विरोध में अब आम लोग भी खुलकर सामने आ गए हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय के लोग बेदखली नोटिस के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच बुधवार को अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर अदालती आदेश को लेकर आदिवासी समूहों ने विभिन्न जिलों में प्रदर्शन किया।

मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन की ओर से बुलाए गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ में हिंसा भड़क गई। इंफाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद बीती रात मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सेना और असम राइफल्स द्वारा आज फ्लैग मार्च किया गया। 

पुलिस ने कहा कि स्थिति को देखते हुए, गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, लेकिन ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू है।