TRP Scam: एक आरोपी के पास मिले 1 करोड़, रिपब्लिक समेत तीनों चैनलों के खातों की होगी फॉरेंसिक जांच

TRP Racket: पिछले एक साल में आरोपी के खाते में किस्तों के जरिए आए पैसे। पुलिस ने जांच के लिए आपराधिक अधिकार विंग को किया शामिल।

Updated: Oct 12, 2020, 12:50 AM IST

Photo Courtesy: India Today
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मुंबई। टीआरपी घोटाले की जांच में पता चला है कि चार में से एक आरोपी के बैंक खाते में पिछले एक साल में 1 करोड़ रुपये डाले गए। ये रकम चार से पांच लोगों ने डाली है। जिस आरोपी के खाते में पैसे डाले गए उसका नाम बोमापल्लीराव मिस्त्री है। पुलिस ने कहा है कि सभी आरोपियों और टीवी चैनलों के खातों की फॉरेंसिक जांच की जाएगी। इस मामले की जांच में अब आर्थिक अपराध विंग को भी शामिल कर लिया गया है। पुलिस मुख्य रूप से तीन टीवी चैनलों की जांच कर रही है, जिसमें रिपब्लिक टीवी शामिल है। 

आरोप है कि मिस्त्री ने अपने गुर्गों के सहारे उन लोगों को कुछ विशेष चैनल देखने के पैसे दिए, जिनके घर में टीआरपी नापने वाले बैरोमीटर लगे हैं। हालांकि, एफआईआर में इंडिया टु़डे का भी नाम है लेकिन पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों ने अपने बयान में केवल तीन चैनलों का नाम लिया है। पुलिस को मिस्त्री के एक बैंक अकाउंट से साढ़े आठ लाख रुपये मिले हैं। एक अन्य अकाउंट को पुलिस ने सीज कर दिया है। पुलिस ने यह भी बताया कि पिछले नवंबर से मिस्त्री के खाते में हर दो महीने के अंतराल पर 20 से 25 लाख रुपये जमा किए गए हैं, ऐसी करीब पांच किस्तें आई हैं। 

मिस्त्री के साथ एक और आरोपी विशाल भंडारी भी गिरफ्तार हुआ है। भंडारी हंसा एजेंसी का पूर्व कर्मचारी है। यह एजेंसी गोपनीय तरीके से लोगों के घरों में बैरोमीटर लगाती है और बार्क के साथ काम करती है। बार्क भारत में टीआरपी की निगरानी करती है। एक बैरोमीटर विशाल भंडारी के घर में भी पाया गया है। हालांकि बार्क के अनुसार बैरोमीटर लगाने वाली कंपनी के कर्मचारियों के घर पर मीटर नहीं लगाया जा सकता। 

बताया जा रहा है कि जिन घरों में ये टीआरपी मीटर लगे हुए हैं, उन्हें कुछ खास चैनल देखने के लिए हर महीने के 400 से 500 रुपये दिए जाते थे। आरोप है कि विशाल भंडारी गूगल 'पे' से ये पैसे ट्रांसफर करता था। 

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पुलिस फिलहाल यह जांच कर रही है कि आरोपियों के खाते में लाखों रुपये कौन ट्रांसफर करता था। इस संबंध में रिपब्लिक और बाकी दोनों चैनलों की अकाउंट डिटेल्स मांगी गई हैं। इन चैनलों के बैंक अकाउंट का फॉरेंसिक ऑडिट किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि इस मामले की जड़ तक पहुंचने के लिए पैसों के लेनदेन का पता लगाना बहुत जरूरी है।