जीवित मजदूरों को मुर्दा बताकर अधिकारियों ने हड़पे रुपए, मध्य प्रदेश में करोड़ों का घोटाला उजागर

भोपाल नगर निगम के अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत से जिंदा मजदूरों को कागजों पर मृत बताकर उनकी अंत्येष्टि व अन्य कार्य के लिए दो-दो लाख रुपये निकाल लिए गए।

Updated: Feb 29, 2024, 02:26 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में छोटे से छोटे कार्यों में आए दिन करोड़ों के घोटाले उजागर हो रहे हैं। हाल ही में आई सीएजी रिपोर्ट ने प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार की कलई खोल दी थी। अब मजदूरों के मौत के नाम पर करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है। एनडीटीवी ने अपने एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में बताया कि राज्य में जीवित मजदूरों को कागजों पर मृत बताकर अंत्येष्टि के दो-दो लाख रुपए निकाला जा रहा है।

दरअसल, मध्य प्रदेश भवन एव अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की ओर से मजदूरों को विपत्ति के समय सहायता राशि दी जाती है। चूंकि राज्य में 90 फीसदी से अधिक मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, लिहाजा उनकी दुर्घटना होने पर या मृत्यु हो जाने पर अंत्येष्टि समेत परिवार की सहायता के लिए दो लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है।पंजीकृत श्रमिक की दुर्घटना में स्थायी या आंशिक अस्थायी चोट लगने पर भी अनुग्रह राशि दी जाती है। इसे संबल 2.0 के नाम से जाना जाता है। इस योजना का उद्देश्य ये है कि समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का सबसे कठिन समय कुछ आसान बनाया जा सके।

लेकिन भ्रष्टाचारियों ने इसमें भी घोटाला कर दिया। उनकी हिम्मत तो देखिए जिंदा लोगों को मरा हुआ बता कर उनके मौत के बाद मिलने वाले पैसे हड़प लिए। भोपाल के चांदबड़ इलाके में बुजुर्ग उर्मिला बाई रहती हैं। उनका 12 लोगों का परिवार है। सरकारी कागजों के मुताबिक पिछले साल जुलाई में उर्मिला की मौत हो गई और सहायता राशि के 2 लाख रुपये उन्हें मिल भी गए। पूछने पर उर्मिला कहती हैं, 'मैं मरी नहीं हूं, जिंदा हूं। मैं चौका-बर्तन करती थी। हार्ट अटैक आया तो काम छोड़ा। कागज पर मेरी मौत के बाद भी मेरे बच्चों को पैसे मिलने चाहिए थे, लेकिन कोई पैसा नहीं मिला।'

चांडबड़ इलाके से 2-3 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले मोहम्मद कमर की भी यही कहानी है। वो भी कागजों में मृत घोषित किए जा चुके हैं। पिछले साल सरकारी कागज में मोहम्मद कमर की मौत हुई। 21 जून को उनके नाम पर कागजों में 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि ट्रांसफर हुई। ये रकम मोहम्मद कमर को मिली ही नहीं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्कर्स बोर्ड ने ऐसे मौत के मामलों में अब तक 61,200 से अधिक लाभार्थियों की मदद की है। उन्हें अंतिम संस्कार और अनुग्रह सहायता के लिए 775 करोड़ जारी किए हैं। हालांकि, इनमें से कितने रुपए पीड़ित परिवारों को मिले और कितने रुपए कागजी मुर्दों ने हड़प लिए ये बता पाना मुश्किल है।