ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया, शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कर चुकी है कंपनी

स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति रिकॉर्ड पर दर्ज करने के लिए कोर्ट ने तीन हफ्ते का दिया समय, याचिकाकर्ता का कहना था कि जब उसने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी के ट्वीट के खिलाफ शिकायत दर्ज करने गया, तब उसे नए आईटी नियमों के तहत ट्विटर द्वारा नियुक्त किसी भी अधिकारी की सूचना ट्विटर के वेबसाइट पर नहीं मिली

Publish: May 31, 2021, 12:12 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट में नए आईटी कानूनों के अनुपालन न करने को लेकर ट्विटर के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया कि भारत में स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कंपनी कर चुकी है। ट्विटर ने कोर्ट को बताया कि अधिकारी की नियुक्ति 28 मई को की जा चुकी है। 

ट्विटर का पक्ष सुनने के बाद मामले की सुनवाई कर रहीं जस्टिस रेखा पल्ली ने मामले की सुनवाई टाल दी। इस मामले की अगली सुनवाई अब 6 जुलाई को होगी। लेकिन तब तक हाई कोर्ट ने तीन हफ्ते के भीतर ट्विटर को यह रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए कहा है कि उसने स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। 

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दरअसल सोशल मीडिया के खिलाफ यह याचिका अमित आचार्य नामक अधिवक्ता ने दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि ट्विटर के दो वेरिफाइड अकाउंट से फर्जी और आपत्तिजनक ट्वीट किए गए थे। यह दो अकाउंट टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी के थे। नए आईटी नियमों के अनुसार जब दोनों ही ट्वीट्स की शिकायत करने के लिए जब याचिकाकर्ता ने ट्विटर की वेबसाइट को खोला तब वहां किसी शिकायत निवारण अधिकारी के बारे में जानकारी नहीं मिली। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उसने कंपनी को भी इस सिलसिले में मेल भेजा था। 

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याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया कंपनी ने एक अमेरिकी अधिकारी की नियुक्ति स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी के तौर पर की है, जो कि नए आईटी नियमों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि नए आईटी नियमों के अनुसार शिकायत कर्ता को स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी के समक्ष शिकायत करने का पूरा अधिकार है।